उन्होंने कहा, जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया के नाम पर राजनीति करने वाले लोग लोकतंत्र को फिर खतरे में डालने की साजिश रचने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपातकाल को याद करते हुए विपक्षी एकता पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया के नाम पर राजनीति करने वाले लोग लोकतंत्र को फिर खतरे में डालने की साजिश रचने का प्रयास कर रहे हैं।
मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरे होने पर सेक्टर-21ए स्थित रामलीला मैदान में सीएम योगी ने रविवार को नोएडा व ग्रेटर नोएडा की 1,718.66 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस मौके पर सीएम ने कहा, 48 साल पहले आज ही के दिन कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटा था। सपा, रालोद व जदयू आज उनसे सांठगांठ कर रहे हैं। कांग्रेस को बिना मांगे समर्थन देना सपा का इतिहास रहा है। 2004 में कांग्रेस को जबरदस्ती समर्थन दिया था। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।
योगी ने कहा, आपातकाल के खिलाफ रामनाथ गोयनका ने आवाज मुखर की थी। उनके नाम से मार्ग के लोकार्पण के जरिये सभी लोकतंत्र सेनानियों को नमन करने का मौका मिला है। आजादी के बाद देश के लोकतंत्र पर जब संकट आया था, तब लोकनायक जयप्रकाश के नेतृत्व में अटल बिहारी वाजपेयी व लालकृष्ण आडवाणी सहित गैर कांग्रेसी दलों के नेता एक मंच पर आ गए थे, लेकिन जेपी-लोहिया के नाम पर राजनीति करने वाले लोकतंत्र विरोधी चरित्र आज एक मंच पर दिखाई दे रहे हैं।
संस्कृति पर हो रहे हमले के प्रति लोगों को जागरूक करें
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि डिजिटल युग में सांस्कृतिक योद्धाओं को संस्कृति पर हो रहे हमलों के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, संस्कृति पर हमले की सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस को जानकारी दें। खुद कानून हाथ में न लें, क्योंकि इससे दोषियों को बच निकलने में मदद मिलेगी। ‘सेव कल्चर, सेव इंडिया मिशन’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा, डिजिटल युग का लाभ है, तो नुकसान भी है।
गौतमबुद्धनगर से यूपी को मिली नई पहचान
सीएम योगी ने कहा कि गौतमबुद्धनगर ने यूपी को नई पहचान दी है। एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण का काम इस वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा। सीएम ने किसानों के मुद्दों और बिल्डर-बायर विवाद का समाधान संवाद के माध्यम से निकालने का भरोसा दिया।
- सीएम योगी ने कहा, पहले लोग दिल्ली में रहते थे और नोएडा-ग्रेटर नोएडा आने में संकोच करते थे। स्थितियां बदल गई हैं। यह सामूहिक प्रयास का नतीजा है कि आज गौतमबुद्धनगर में देश ही नहीं, दुनियाभर के लोग आना चाहते हैं।