हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद का एक अध्ययन सामने आया, जिसमें पता चला कि देश में 11 फीसदी आबादी डायबिटीज ग्रस्त हो सकती है। इससे कहीं अधिक चिंताजनक यह है कि 15 फीसदी से ज्यादा आबादी को भविष्य में डायबिटीज होने का जोखिम पाया गया।
आगामी 30 वर्ष में मधुमेह के रोगियों की संख्या दोगुनी से अधिक हो सकती है। आधुनिक जीवनशैली के चलते शहरों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी काफी तेजी से बीमारी का दायरा बढ़ रहा है।मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि साल 2050 तक दुनिया में करीब 130 करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त होंगे जो उस समय की आबादी का करीब 13.4 फीसदी हिस्सा होगा। मौजूदा समय में दुनिया की 6.7% आबादी यानी करीब 52.9 करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। शोध के जरिये पता चला है कि जागरूकता अभियान, बहुराष्ट्रीय स्तर पर जारी प्रयासों के बाद भी मधुमेह रोग व्यापक रूप से बढ़ रहा है।
भारत में 11 फीसदी आबादी चपेट में
हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद का एक अध्ययन सामने आया, जिसमें पता चला कि देश में 11 फीसदी आबादी डायबिटीज ग्रस्त हो सकती है। इससे कहीं अधिक चिंताजनक यह है कि 15 फीसदी से ज्यादा आबादी को भविष्य में डायबिटीज होने का जोखिम पाया गया। अगर समय रहते लोग जागरूक नहीं हुए तो आगामी समय में भारत की करीब एक चौथाई से ज्यादा आबादी डायबिटीज ग्रस्त हो सकती है।