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भारत व तुर्किये के मामले अलग-अलग, सबरीना बोलीं-रूसी लेनदेन से बचें साझेदार देश

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तुर्किये को रूस से यह प्रणाली मिलने पर अमेरिका ने उस पर काट्सा एक्ट के तहत कार्रवाई की और प्रतिबंधात्मक कदम उठाए, जबकि भारत के साथ उसने ऐसा नहीं किया।

पेंटागन की उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने रूसी एस-400 मिसाइल प्रणाली की भारत को डिलीवरी पर उसकी तुर्किये से तुलना करने पर कहा कि दोनों मामले अलग-अलग हैं।तुर्किये को रूस से यह प्रणाली मिलने पर अमेरिका ने उस पर काट्सा एक्ट के तहत कार्रवाई की और प्रतिबंधात्मक कदम उठाए, जबकि भारत के साथ उसने ऐसा नहीं किया। सबरीना ने कहा, हम अपने सभी साझेदारों और सहयोगियों को रूस के साथ लेनदेन से बचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह कुछ ऐसा है, जिसे हमने तुर्किये के अलावा भारत व अन्य के साथ दोहराना जारी रखा है।

भारत के साथ एकीकृत होने की क्षमता से आश्वस्त
सबरीना ने कहा, मुझे लगता है कि दोनों देशों में बहुत कुछ अलग है और दो अलग-अलग मामले हैं। जब भारत की बात आती है, तो हम उनके उपकरणों के विविधीकरण और उनके साथ एकीकृत होने की हमारी क्षमता पर भी आश्वस्त रहते हैं, जबकि तुर्किये के साथ ऐसा नहीं है।

इंडस-एक्स में भारत और अमेरिका ने रक्षा तकनीकों पर दिया जोर
सरकार का प्रयास है कि रक्षा क्षेत्र की आधुनिक तकनीकों पर भारत और अमेरिका के स्टार्टअप मिलकर काम करें, इनका विकास और उत्पादन करें। यह ध्यान में रखते हुए वाशिंगटन में इंडिया यूएस डिफेंस एक्सीलरेशन इकोसिस्टम (इंडस-एक्स) आयोजन हुआ।  कार्यक्रम में पहुंचे रक्षा उद्योग प्रोत्साहन विभाग के संयुक्त सचिव अनुराग वाजपेयी ने ऐसी व्यवस्था का सुझाव दिया जो भविष्य में उद्योग, अकादमी और निवेशकों को काम करने में मदद करे। अपनी तरह के इस पहले आयोजन में भारत से 15 और अमेरिका से 10 स्टार्टअप शामिल हुए। यह सभी सामुद्रिक, एआई, मानवरहित उपकरण प्रणालियों और अंतरिक्ष पर काम कर रहे हैं।

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