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अमेरिका दौरे पर मोदी ने कैसे साधा चीन-PAK पर निशाना, रूस को लेकर बाइडन से क्या बोले, पढ़ें

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यह जानना अहम है कि पीएम मोदी ने किस तरह अमेरिका में अलग-अलग देशों को लेकर अपना एजेंडा साफ किया? मजेदार बात यह है कि भारत-अमेरिका के साझा बयान में सिर्फ इन्हीं देशों को लेकर जिक्र नहीं किया गया है, बल्कि ग्लोबल साउथ और अफ्रीका के मुद्दे को भी उठाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका दौरे के दूसरे दिन व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन से द्विपक्षीय वार्ता की। साथ ही उन्होंने अमेरिकी संसद को भी संबोधित किया। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा हुई। साथ ही भारत-अमेरिका के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते खतरे, सीमापार आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी चर्चा हुई।

ऐसे में यह जानना अहम है कि पीएम मोदी ने किस तरह अमेरिका में अलग-अलग देशों को लेकर अपना एजेंडा साफ किया? मजेदार बात यह है कि भारत-अमेरिका के साझा बयान में सिर्फ इन्हीं देशों को लेकर जिक्र नहीं किया गया है, बल्कि ग्लोबल साउथ और अफ्रीका के मुद्दे को भी उठाया गया है। आइये जानते हैं भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान और पीएम मोदी-बाइडन ने अलग-अलग किस देश को लेकर क्या कहा…

यूक्रेन, चीन और पाकिस्तान के बारे में क्या बोले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संकट पर चिंता जताई। इसी के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना दोनों देशों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘वैश्वीकरण का एक नुकसान यह हुआ है कि सप्लाई चेन सीमित हो गई है। हम मिलकर कोशिश करेंगे कि सप्लाई चेन भी विकेंद्रितकृत और लोकतांत्रिक हो। तकनीक ही सुरक्षा और खुशहाली को तय करेगी। यूक्रेन संकट की वजह से यूरोप जंग के साये में है। इसमें कई शक्तियां शामिल हैं इसलिए नतीजे गंभीर हैं। विकासशील देश प्रभावित हुए हैं।’

रूस-यूक्रेन युद्ध पर चिंता जाहिर की
पीएम मोदी ने यूक्रेन-रूस युद्ध पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि युद्ध से लोगों को पीड़ा पहुंचती है। दो देशों के युद्ध के वजह से विकासशील देश भी प्रभावित हुए हैं। युद्ध के कारण वैश्वीकरण को भी नुकसान पहुंचा है। सप्लाई चेन सीमित हो गई है। हमें मिलकर कोशिश करना होगा कि सप्लाई चेन को भी विकेंद्रीकृत और लोकतांत्रिक किया जाए। तकनीक ही सुरक्षा और खुशहाली को तय करेगी। यूक्रेन संकट की वजह से यूरोप जंग के साये में है। इसमें कई शक्तियां शामिल हैं, इसलिए नतीजे गंभीर हैं। पीएम ने कहा कि मैंने खुलकर कहा था कि यह जंग का दौर नहीं है, बल्कि संवाद और कूटनीति का दौर है। हमें रक्तपात और लोगों की पीड़ा को मिलकर रोकना चाहिए।

आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरा
चीन और पाकिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि टकराव के काले बादल हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी असर डाल रहे हैं। क्षेत्र में स्थिरता हमारी साझा चिंता है। हम मिलकर खुशहाली चाहते हैं। 9/11 हमले और मुंबई में 26/11 हमले के बाद अब भी कट्टरवाद और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा है। आतंकवाद इंसानियत का दुश्मन है। इससे निपटने के लिए कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और आतंकवाद का निर्यात करने वालों के खिलाफ हमें मिलकर लड़ना चाहिए। दुनिया बदल रही है। दुनिया को नए वर्ल्ड ऑर्डर की जरूरत है।

क्षेत्रीय स्वायत्ता-हिंद प्रशांत को लेकर चीन पर निशाना
पीएम मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र का जिक्र करते हुए चीन पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सम्मान, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है।’’ उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता दोनों देशों की साझेदारी की केंद्रीय चिंताओं में से एक बन गई है और दोनों एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के दृष्टिकोण को साझा करते हैं।

दोनों नेताओं ने एकतरफा तौर पर सीमाओं की यथास्थिति में ताकत के बल पर बदलाव का विरोध किया। साथ ही देशों की स्वायत्ता और अखंडता का सम्मान करने और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन पर जोर दिया। साझा बयान में पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में मैरिटाइम कानूनों के पालन और आवाजाही की स्वतंत्रता को लेकर भी बयान दिया गया।

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