एरिक्सन की मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अक्तूबर, 2022 में शुरुआत होने के बाद 5जी दूरसंचार सेवाओं का बहुत तेजी से विस्तार हो रहा है। इस दौरान भारतीय दूरसंचार बाजार में डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत बड़े पैमाने पर 5जी नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अगले पांच साल में मोबाइल यूजर्स की कुल संख्या 1.2 अरब पहुंच जाएगी। इनमें से अधिकतर लोग 5जी का इस्तेमाल करेंगे। इसके साथ ही 2028 तक वैश्विक 5जी बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 15 फीसदी से ज्यादा हो जाएगी। इस अवधि तक दुनियाभर में 4.6 अरब लोग 5जी का इस्तेमाल करेंगे।
भारी चुनौतियों के बावजूद निवेश जारी
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ बाजारों में भू-राजनीतिक चुनौतियों व व्यापक आर्थिक मंदी के बावजूद वैश्विक स्तर पर संचार सेवा प्रदाताओं ने 5जी प्रौद्योगिकी में निवेश करना जारी रखा है। 2023 अंत तक 5जी सेवा का इस्तेमाल करने वाले मोबाइल फोन ग्राहकों की संख्या वैश्विक स्तर पर 1.5 अरब हो जाएगी। वर्तमान में दुनियाभर में एक अरब से अधिक लोग 5जी सेवा का इस्तेमाल करते हैं।
32 करोड़ घट जाएंगे 4जी यूजर्स
2022 अंत तक भारत में 82 करोड़ ग्राहकों के साथ 4जी की बाजार हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। 5जी का इस्तेमाल बढ़ने से 2028 अंत तक देश में 4जी ग्राहकों की संख्या 32 करोड़ घटकर 50 करोड़ रह जाएगी।
दूरसंचार कंपनियों के राजस्व में उछाल : दुनिया के हर क्षेत्र में 5जी यूजर्स की संख्या बढ़ रही है। दो साल में शीर्ष-20 बाजारों में 5जी सेवा की शुरुआत हुई है। इससे अग्रणी 5जी बाजारों में दूरसंचार कंपनियों के राजस्व में 7 फीसदी वृद्धि हुई है। आगे भी इसमें तेज बढ़ोतरी की संभावना है। -फ्रेडरिक जेडलिंग, कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं नेटवर्क प्रमुख, एरिक्सन
रिपोर्ट की अन्य बातें…
- 2023 अंत तक वैश्विक स्तर पर प्रति स्मार्टफोन डाटा खपत बढ़कर औसतन 20 जीबी से अधिक पहुंचेगी।
- दुनिया में 240 संचार सेवाप्रदाताओं ने वाणिज्यिक 5जी सेवाएं शुरू की हैं।
- 100 से अधिक सेवाप्रदाता 5जी की फिक्स्ड वायरलेस सेवा दे रहे हैं।
- मोबाइल डाटा नेटवर्क ट्रैफिक दो साल में 36% बढ़ा है।