रेटिंग एजेंसी ने गुरुवार को कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से मजबूत है। 2023 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह सालाना आधार 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। हाल के महीनों में वाहन बिक्री के आंकड़े बेहतर रहे हैं। इसके अलावा पीएमआई सर्वे और ऋण की वृद्धि भी मजबूत रही है।
जनवरी-मार्च तिमाही की बेहतर वृद्धि को देखते हुए बदले गए जीडीपी के आंकड़े
जनवरी-मार्च की तिमाही में बेहतर वृद्धि दर को देखते हुए रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी वृद्धि के अनुमान को बेहतर किया है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी। वहीं 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।
रेटिंग एजेंसी बोली- भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से मजबूत
रेटिंग एजेंसी ने गुरुवार को कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से मजबूत है। 2023 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह सालाना आधार 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। हाल के महीनों में वाहन बिक्री के आंकड़े बेहतर रहे हैं। इसके अलावा पीएमआई सर्वे और ऋण की वृद्धि भी मजबूत रही है। इसके चलते चालू वित्त वर्ष के लिए हमने वृद्धि दर के अनुमान को 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है।’’
मार्च में फिच ने जीडीपी के अनुमान को 6.2% से घटाकर 6% कर दिया था
इससे पहले फिच ने मार्च में ऊंची मुद्रास्फीति और ऊंची ब्याज दरों तथा कमजोर वैश्विक मांग के मद्देनजर 2023-24 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.2 से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था। फिच ने कहा कि 2024-25 और 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जनवरी-मार्च की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर उम्मीद से अधिक रही है। इसके अलावा दो तिमाहियों की गिरावट के बाद विनिर्माण क्षेत्र की स्थिति भी सुधरी है। व्यय की दृष्टि से देखा जाए, तो जीडीपी की वृद्धि को घरेलू मांग से समर्थन मिलेगा।