पाकिस्तान के मौजूद चेयरमैन नजम सेठी ने एशिया कप के लिए हाइब्रिड मॉडल सुझाया था, जिसके जरिए पाकिस्तान और श्रीलंका को इस टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका मिला था। अब पीसीबी के संभावित नए चेयरमैन जका अशरफ ने इसे खारिज कर दिया है।
- पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के संभावित नए अध्यक्ष जका अशरफ ने आगामी एशिया कप के लिए”हाइब्रिड मॉडल” को खारिज कर दिया है। पीसीबी के मौजूदा अध्यक्ष नजम सेठी के हाइब्रिड मॉडल के तहत इस टूर्नामेंट का आयोजन सितंबर में पाकिस्तान और श्रीलंका में होना है। जका अशरफ ने एक बयान में कहा कि वह इसे खारिज करते हैं। ऐसे में पीसीबी और बीसीसीआई टकराव की स्थिति में आ गए हैं। अब वनडे विश्व कप में पाकिस्तान का खेलना मुश्किल है। वहीं, एशिया कप के आयोजन पर भी तलवार लटक रही है।
अशरफ के इस बयान के बाद पाकिस्तान की विश्व कप में भागीदारी भी अधर में लटक सकती है और उम्मीद है कि बीसीसीआई भी सख्त रुख अपनाएगा और यदि वे एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के सदस्यों के साथ हुई सहमति से पीछे हटते हैं तो कोई बीच का रास्ता नहीं होगा।
एसीसी कार्यकारी निकाय ने हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी दे दी है, अगर अशरफ ने अपना रुख नहीं बदला, तो एशिया कप पांच देशों के टूर्नामेंट के रूप में पाकिस्तान के बिना आयोजित किया जा सकता है। एसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने बताया, “एशिया कप मॉडल को एसीसी ने स्वीकार कर लिया है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। अशरफ जो चाहें कहने के लिए स्वतंत्र हैं।”
अशरफ पीसीबी अध्यक्ष पद के लिए प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ द्वारा चुने गए दो उम्मीदवारों में से एक हैं, जो बोर्ड के संरक्षक-प्रमुख हैं और नियुक्ति में अंतिम निर्णय लेने वाले व्यक्ति हैं। फिलहाल अशरफ की नियुक्ति महज औपचारिकता है। हाइब्रिड मॉडल को बीसीसीआई बॉस जय शाह की अध्यक्षता वाली एसीसी ने स्वीकार कर लिया, जब भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण पाकिस्तान जाकर नहीं खेलेगा।
यह निर्णय लिया गया कि एशिया कप के चार मैच पाकिस्तान में आयोजित किए जाएंगे, जिसमें मेजबान देश नेपाल के खिलाफ अपना ग्रुप लीग मैच खेलेगा और श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से जुड़े तीन अन्य मैच भी लाहौर में आयोजित किए जाएंगे।
हालांकि, सेठी ने ट्विटर पर बताया कि वह पीसीबी अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं। इसके बाद पिछले 48 घंटों में चीजें नाटकीय रूप से बदल गईं। सेठी ने ट्वीट किया, “मैं आसिफ जरदारी और शहबाज शरीफ के बीच विवाद की जड़ नहीं बनना चाहता। ऐसी अस्थिरता और अनिश्चितता पीसीबी के लिए अच्छी नहीं है। इन परिस्थितियों में मैं पीसीबी के अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार नहीं हूं। सभी हितधारकों को शुभकामनाएं।”
पेशे से बैंकर अशरफ पहले पीसीबी चेयरमैन रह चुके हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान अशरफ ने कहा कि उन्हें मेजबानी का अधिकार मिलने के बावजूद अपने देश में महत्वहीन खेल आयोजित करने का विचार पसंद नहीं है। उन्होंने कहा “सभी मुख्य मैच (पाकिस्तान के) बाहर हो रहे हैं। (नेपाल और भूटान जैसी टीमें) पाकिस्तान में खेलने जा रही हैं, जो पाकिस्तान के लिए उचित नहीं है। मुझे नहीं पता कि बोर्ड ने पहले क्या निर्णय लिया है, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं जांच करूंगा, कम से कम समय में जो भी संभव होगा, पाकिस्तान की भलाई के लिए वह करूंगा।”
अशरफ ने यह भी कहा कि विश्व कप का मुद्दा अभी तक सुलझा नहीं है, जिसका मतलब यह हो सकता है कि कार्यक्रम जारी करने में और देरी होगी। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के सामने चुनौतियां हैं, कई लंबित मुद्दे हैं, एशिया कप है, फिर विश्व कप है, टीम की तैयारी है, कई मुद्दे हैं। मैं किसी के खिलाफ नहीं बोलना चाहता, क्योंकि मैंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।’ उन्होंने कहा “एक बार जब मैं कार्यभार संभालूंगा, तब देखूंगा कि हालात क्या हैं। मैं हमेशा मीडिया को साथ लेकर चलता हूं, मैं कुछ भी नहीं छिपाता। हमें पाकिस्तान की बेहतरी के लिए काम करना है, हम स्पष्ट रूप से जानते हैं।”
माना जा रहा है कि विश्व कप के मैच तटस्थ स्थान पर खेलने की पाकिस्तान की मांग को बीसीसीआई या आईसीसी किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी और अब एशिया कप पर अशरफ का सख्त रुख संबंधों को और खराब कर सकता है। गौरतलब है कि आखिरी बार जब भारत और पाकिस्तान के बीच 2012 में द्विपक्षीय सीरीज हुई थी, तब अशरफ पीसीबी अध्यक्ष थे।