वे मानते हैं कि राज्य हज कमेटी के चेयरमैन व पूर्व राज्यमंत्री मोहसिन रजा अपने तुच्छ राजनीतिक स्वार्थों के लिए मुसलमानों को बदनाम कर रहे हैं। वीडियो की सत्यता की जांच के बिना ट्वीट करने को वे जायज नहीं मान रहे हैं।
काबा में आरएसएस और भाजपा की बर्बादी की दुआ के कथित वीडियो को लेकर इस्लामिक मामलों के जानकार सवाल उठा रहे हैं। वे मानते हैं कि राज्य हज कमेटी के चेयरमैन व पूर्व राज्यमंत्री मोहसिन रजा अपने तुच्छ राजनीतिक स्वार्थों के लिए मुसलमानों को बदनाम कर रहे हैं। वीडियो की सत्यता की जांच के बिना ट्वीट करने को वे जायज नहीं मान रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें भारत से हज के लिए सऊदी अरब गए कुछ मुस्लिम काबा में आरएसएस और भाजपा के लिए बद्दुआ करते दिख रहे हैं। हालांकि, ये वीडियो वर्ष 2019 में इस्लामिक विद्वान तारेक फतेह ने भी साझा किया था। अब यह फिर से वायरल हो रहा है। मोहसिन रजा ने इस वीडियो में दिख रहे लोगों की जांच कराने और उनकी नागरिकता समाप्त करने की केंद्र सरकार से मांग की है।
बरेलवी मसलक के मशहूर आलिम मौलाना शाहबुद्दीन चार साल पुराने वीडियो को साझा करना एक साजिश बताते हैं। वह कहते हैं कि मोहसिन रजा मुसलमानों को बदनाम कर रहे हैं। जबकि, काबा में किसी के लिए भी बद्दुआ का भाव मन में नहीं लाया जाता। कोई भी सच्चा मुसलमान ऐसा नहीं करेगा। बेहतर होता कि पहले वीडियो की सत्यता की जांच करा ली जाती। एक अन्य मुस्लिम विद्वान ने नाम न छापने के अनुरोध पर कहा कि वह मोहसिन रजा के ट्वीट पर कोई कमेंट करना नहीं चाहते। लेकिन, हज कमेटी के चेयरमैन का चार साल पुराने वीडियो को साझा करना माहौल खराब करने की कोशिश ही कही जाएगी।