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शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को लिखा पत्र, कहा- स्थानीय पौष्टिक भोजन को दें प्राथमिकता

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सचिव एलएस चांगसन की ओर से सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखा गया है। इसमें पीएम पोषण योजना में बच्चों की पसंद, स्थानीय, मौसमी हरी पत्तेदार , फलीदार, सहजन आदि सब्जियां शामिल करेंगे।

देश के सभी सरकारी स्कूलों में दोपहर को मिलने वाले भोजन में मोटा अनाज, सहजन, पालक, फली वाली सब्जियां देने की तैयारी चल रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से पीएम पोषण योजना के तहत मिलने वाले भोजन में स्थानीय पौष्टिक और बच्चों की पसंद के आधार पर भोजन परोसने का आग्रह किया है। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि बड़ी संख्या में बच्चों को विटामिन, आयरन की कमी रहती है। ऐसे में दोपहर को स्कूल में मिलने वाले भोजन में यदि मोटा अनाज, सहजन, पालक, फली वाली सब्जियां देते हैं तो बच्चों के विकास में सहायक होगा।

बच्चों में आयरन व विटामिन की कमी को दूर करने का फैसला
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सचिव एलएस चांगसन की ओर से सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखा गया है। इसमें पीएम पोषण योजना में बच्चों की पसंद, स्थानीय, मौसमी हरी पत्तेदार , फलीदार, सहजन आदि सब्जियां शामिल करेंगे। वरिष्ठ अधिकारी ने लिखा है कि वर्ष 2023-24 की बैठक में राज्यों की समीक्षा के आधार पर भोजन में पौष्टिकता बढ़ाने, बच्चों में आयरन व विटामिन की कमी को दूर करने का फैसला लिया गया है। इसमें लिखा है कि वर्ष 2019-20 को जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में 32 फीसदी बच्चों का उम्र और ऊंचाई के आधार पर वजन कम, 67 फीसदी बच्चों में किसी न किसी स्तर पर एनिमिया यानी खून की कमी मिली थी। बच्चों में यह कमी उनके मानसिक और शारीरिक विकास में बाधक है। ऐसे में हम सबको मिलकर बच्चों के विकास के लिए उनके खाने में विटामिन, आयरन आदि की मात्रा बढ़ानी होगी ताकि उनका संपूर्ण विकास हो सके। पीएम पोषण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत एक प्रमुख केंद्र सरकार पोषित योजना है। इसमें करीब 10.84 लाख सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 12 करोड़ बच्चों को दुपहर का भोजन मिलता है। बच्चों की पसंद को रखें ध्यान: वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि बच्चे हरी पत्तेदार, फली आदि की सब्जियां खाने में बेहद आनाकानी करते हैं।मोटा अनाज को भी शामिल करें
वरिष्ठ अधिकारी ने लिखा है कि अभी स्कूलों में गेहूं, चावल और निर्धारित दाल दी जाती है। हालांकि, उसके साथ मोटा अनाज भी शामिल किया जा सकता है। अधिकतर राज्यों में अलग-अलग प्रकार का मोटा अनाज मिलता है। इसके अलावा मौसमी हरी पत्तेदार सब्जी, अच्छा गुणवत्ता युक्त तेल,मसाले प्रयोग किये जाएं। इसके अलावा स्कूलों में जगह उपलब्ध हो तो बच्चों के सहयोग से स्थानीय, मौसमी सब्जियां भी उगाएं

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