बरेली समेत पूरे रुहेलखंड क्षेत्र में इस बार मौसम के मिजाज से विज्ञानी भी हैरान हैं। भीषण गर्मी से जूझ रहे लोग बारिश की उम्मीद लगाए बैठे हैं ताकि राहत मिल सके, लेकिन आने वाले दिनों में बारिश होगी या नहीं, यह हवा के रुख पर निर्भर है।
बरेली के मौसम का मिजाज भांपने में इस बार मौसम विज्ञानी भी दुविधा में नजर आ रहे हैं। यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि आने वाले दिनों में स्थितियां क्या बनेंगी? दरअसल, मौसम विभाग की ओर से पांच दिनों के लिए जारी पूर्वानुमान में मौसम सुधरने और बिगड़ने दोनों तरह की बातें कही गई हैं।
यानी हल्के-घने बादल मंडराने से बारिश के आसार भी जताए गए हैं। माहौल अनुकूल न बनने पर गर्म हवा के थपेड़े चलने की आशंका भी बताई गई है। अब होगा क्या, ये हवा का रुख तय करेगा। मौसम के पूर्वानुमानों के बीच भीषण गर्मी से जूझ रहे लोग राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
बादल मंडरा रहे, लेकिन बरस नहीं रहे
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक, रुहेलखंड क्षेत्र में अभी पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है। बादल मंडरा रहे हैं लेकिन उच्च वायुदाब का क्षेत्र बनने से विक्षोभ प्रभावी नहीं हो रहा।
लिहाजा, आसमान साफ है और तेज धूप लोगों को बेहाल कर रही है। निम्न वायुदाब का क्षेत्र बनने पर तेज हवाएं चलेंगी। बादलों का जमावड़ा लगेगा और भीषण गर्मी से लोगों को काफी हद तक निजात मिल सकती है। वहीं, अनुकूल स्थिति न बनने पर गर्मी सताएगी।
बारिश की उम्मीद पर तेज हवा ने फेरा पानी
रविवार की सुबह करीब घंटे भर घने बादल मंडराने से बारिश की उम्मीद लगाए लोगों को निराशा हुई। करीब 8:30 बजे तेज हवाएं चलीं और बादल आगे बढ़ गए। फिर चटख धूप बेहाल करने लगी।
दोपहर दो बजे अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। देर शाम तक तपिश बरकरार रही। न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
ओपीडी पहुंच रहे हीट स्ट्रोक के मामले
सरकारी और निजी अस्पतालों में हर दिन गर्मी से बेहाल हीट स्ट्रोक के लक्षण वाले मरीज मिल रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी मरीज की मौत हीट स्ट्रोक से होने का मामला स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं पहुंचा है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. सतीश चंद्रा ने बताया कि ओपीडी में पहुंच रहे मरीजों में हर दिन 10 से 12 केस में हीट स्ट्रोक के लक्षण मिल रहे हैं, जो डायरिया, डिहाइड्रेशन, मतिभ्रम आदि की चपेट में हैं।