विपक्ष ने आप सरकार पर निशाना साधा है। सुखबीर बादल और राजा वड़िंग ने फैसला वापस लेने की मांग की है। सिद्धू ने लिखा कि मुफ्तखोरी की राजनीति का साइड इफेक्ट है।
पंजाब सरकार द्वारा राज्य में पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाए जाने के फैसले की विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा की है। सरकार के फैसले से पेट्रोल के दाम में 93 पैसे और डीजल के दाम में 89 पैसे की बढ़ोतरी हो गई है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और कांग्रेस ने इस वृद्धि को आम लोगों और किसानों पर ‘अभूतपूर्व बोझ’ और आप सरकार का जनता-विरोधी फैसला बताया है।
शिअद के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाकर आप सरकार द्वारा आम लोगों और किसानों पर बोझ बढ़ाने की निंदा की। उन्होंने इसे मनमानी वृद्धि बताते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा सरकार को आम आदमी को कष्ट देने के बजाय अपने कई सौ करोड़ के विज्ञापन खर्च पर रोक लगाकर पैसा बचाना चाहिए।रविवार को जारी एक बयान में सुखबीर बादल ने कहा कि यदि आप सरकार अपने निराधार विज्ञापनों के साथ-साथ प्रचार की नौटंकी बंद कर देती है, तो अतिरिक्त संसाधन जुटाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
बादल ने कहा कि एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि वह 300 यूनिट मुफ्त बिजली दे रही है, लेकिन दूसरी तरफ उसने वृद्धावस्था पेंशन योजना, आटा-दाल योजना, शगुन योजना और एससी छात्रवृत्ति योजना सहित कई सामाजिक कल्याण लाभों में कटौती कर दी है।
अब सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ा दिया है। यह केवल इस सरकार की दोगली प्रवृत्ति को दर्शाता है, जो लोगों को दिए गए लाभों से ऊपर और उससे अधिक टैक्स लगा रही है। यह एक हाथ से देने और दो हाथ से वापस लेने का मामला है।
उधर, पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया- ‘भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप की पंजाब सरकार का एक और जनविरोधी फैसला।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की विफलता और अक्षमता को उजागर कर दिया है। इससे लाखों पंजाबियों पर आर्थिक बोझ ही बढ़ेगा। पंजाब कांग्रेस इस फैसले की निंदा करती है और सरकार से मूल्य वृद्धि को वापस लेने की अपील करती है।’
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर आप सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा- पंजाब में फिर दिखा मुफ्तखोरी की राजनीति का साइड इफेक्ट। सरकार द्वारा बढ़ाए गए पेट्रोल-डीजल के दाम। देर रात गुपचुप तरीके से। पिछले 1 साल में 2 रुपये की बढ़ोतरी। नवंबर 2021 में कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल पर 10 और डीजल पर 5 रुपये की कीमतों में कमी की थी।
जालंधर उपचुनाव के तुरंत बाद आप सरकार द्वारा बिजली की कीमतों में वृद्धि की गई थी। पंजाब अब भी 17 रुपये में बिजली खरीद रहा है। समझौते के तहत पीपीए अनुबंधों से कमीशन देने वाली कंपनियों को लाभ मिलना आज भी जारी है। मुखबिर धीरे-धीरे अपना चेहरा दिखाते हैं!!
दुर्भाग्य से आम आदमी पर राजस्व सृजन का बोझ है। अगले 1 साल में अप्रत्यक्ष करों के रूप में 75,000 करोड़ का भुगतान करने की उम्मीद है। आप की सत्ता की भूखी जनविरोधी नीतियों के लिए एक जुर्माना। भूमि, शराब, रेत और परिवहन क्षेत्रों में पनप रहे माफिया की रक्षा की जाती है और माफिया का पैसा ‘ठेकेदार’ प्रणाली द्वारा संरक्षित सत्ता में बैठे लोगों द्वारा हड़प लिया जाता है। जिन्हें हम हार समझे थे गला अपना सजाने को, वही अब नाग बन बैठे हमें काट खाने को!!