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प्रधानमंत्री मोदी बोले- सरकारी तंत्र में जनता का विश्वास बढ़ाना सभी लोक सेवकों की जिम्मेदारी

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प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि प्रशिक्षण को प्रत्येक सरकारी कर्मचारियों में जनभागीदारी के महत्व को शामिल करना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकारी तंत्र में जनता का विश्वास बढ़ाना सभी लोक सेवकों की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र में पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि प्रशिक्षण को प्रत्येक सरकारी कर्मचारियों में जनभागीदारी के महत्व को शामिल करना चाहिए। उनमें क्षमता का पोषण करने के साथ ही संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण और जनभागीदारी की भावना को विकसित करना चाहिए।

उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन की सफलता, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, अमृत सरोवर और दुनिया में डिजिटल भुगतान में भारत की पर्याप्त हिस्सेदारी का श्रेय जनभागीदारी को दिया। उन्होंने कहा कि पहले प्रशिक्षण संस्थानों में पोस्टिंग को सजा के तौर पर देखा जाता था, लेकिन अब यह पुराना तरीका बदल रहा है।

सभी को समान अवसर देता है कर्मयाेगी मिशन
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईजीओटी कर्मयोगी मंच ने एक समान अवसर प्रदान किया है क्योंकि यह प्रशिक्षण के लिए सभी को अवसर प्रदान करता है। इस मंच पर पंजीकरण कराने वालों की संख्या 10 लाख को पार कर गई है, जो यह दर्शाता है कि सिस्टम में लोग सीखने के इच्छुक हैं। कर्मयोगी मिशन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मिशन सरकारी कर्मियों के उन्मुखीकरण, मानसिकता और दृष्टिकोण में सुधार करना चाहता है ताकि वे संतुष्ट और खुश महसूस करें। कर्मचारी खुश और संतुष्ट रहेंगे तो शासन प्रणाली में व्यवस्थित रूप से सुधार होगा।

1,500 प्रतिनिधि ले रहे सम्मेलन में भाग
सम्मेलन में विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों के 1,500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इन संस्थानों में केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान, राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, क्षेत्रीय और मंडलीय प्रशिक्षण संस्थान और शोध संस्थान शामिल हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार के विभागों, राज्य सरकारों और स्थानीय शासन निकायों तथा निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ भी सम्मेलन में मौजूद हैं।

अच्छे अधिकारियों की कभी कमी नहीं रही
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार में कभी भी प्रतिभाशाली, समर्पित और प्रतिबद्ध अधिकारियों की कमी नहीं रही है। जिस तरह से सेना ने जनता की नजरों में बेदाग विश्वसनीयता का निर्माण किया है, उसी तरह सरकारी तंत्र में लोगों के विश्वास को और बढ़ाना सभी सरकारी सेवकों का दायित्व है।

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