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पहली तिमाही में 6-6.3 फीसदी रह सकती है आर्थिक वृद्धि दर, 8% का अनुमान जताया है भारतीय रिजर्व बैंक ने

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रेटिंग एजेंसी ने सरकार का राजस्व उम्मीद से कम रहने की वजह से राजकोषीय मोर्चे पर फिसलन की भी आशंका जताई है। मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज के एसोसिएट प्रबंध निदेशक जीन फैंग ने कहा, 2022-23 के लिए भारत का सामान्य सरकारी कर्ज जीडीपी के 81.8 फीसदी पर रहा है।

भारत की आरि्थक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6-6.3 फीसदी रह सकती है। रेटिंग एजेंसी मूडीज का जीडीपी की वृद्धि दर को लेकर यह अनुमान 2023-24 की पहली तिमाही के लिए आरबीआई के 8% के अनुमान से काफी कम है।इसके साथ ही, रेटिंग एजेंसी ने सरकार का राजस्व उम्मीद से कम रहने की वजह से राजकोषीय मोर्चे पर फिसलन की भी आशंका जताई है। मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज के एसोसिएट प्रबंध निदेशक जीन फैंग ने कहा, 2022-23 के लिए भारत का सामान्य सरकारी कर्ज जीडीपी के 81.8 फीसदी पर रहा है, जबकि कर्ज क्षमता इससे काफी कम है। भारत के पास ऊंची वृद्धि हासिल करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राजकोषीय नीति पर चिंताओं को दूर करते हुए पिछले दो साल में अपने राजकोषीय लक्ष्यों को व्यापक रूप से हासिल किया है। सरकार का राजकोषीय घाटा 2022-23 में घटकर जीडीपी का 6.4 फीसदी रह गया, जो 2021-22 में 6.7 फीसदी था।

8% का अनुमान जताया है भारतीय रिजर्व बैंक ने

फैंग ने कहा, महंगाई नीचे आने से हमें उम्मीद है कि परिवारों की मांग सुधरेगी। भारत की ताकत उसकी बड़ी और विविधता वाली अर्थव्यवस्था है, जिसमें ऊंची वृद्धि दर पाने की क्षमता है।

जीएसटी के नए संयोजक के लिए चर्चा शुरू
वित्त मंत्रालय ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का नया संयोजक बनाने के लिए पैनल के अन्य सदस्यों के साथ बातचीत करनी शुरू कर दी है। कर्नाटक मंत्रियों के समूह (जीओएम) का सदस्य बना रहेगा। नए संयोजक का चयन जीओएम के सदस्यों से बातचीत के बाद ही लिया जाएगा।

कर्नाटक में सरकार बदलने से यह पद खाली हुआ है। सितंबर, 2021 में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को जीओएम का मुख्य संयोजक बनाया गया था। आमतौर पर जीओएम के सबसे वरिष्ठ सदस्य को ही संयोजक बनाया जाता है। कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया को नए संयोजक के रूप में नामित किया जा सकता है।
रिकॉर्ड 223.23 गीगावॉट पहुंच गई बिजली की अधिकतम मांग
नई दिल्ली। बिजली की अधिकतम मांग (एक दिन में पूरी की गई अधिकतम आपूर्ति) 9 जून, 2023 को 223.23 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि बेमौसम बारिश का बिजली की खपत पर असर अब कम हो रहा है। इस साल अप्रैल में बिजली की अधिकतम मांग 215.97 गीगावॉट और मई में 221.34 गीगावॉट थी।

बिजली मंत्रालय का अनुमान था कि सिर्फ अप्रैल में बिजली की मांग आसानी से 229 गीगावॉट के स्तर को छू लेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बेमौसम बारिश ने मांग को प्रभावित किया और गर्मियों में तापमान घटने से एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कम हुआ। बिजली मंत्रालय ने पहले से कदम उठाते हुए सभी आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को 16 मार्च, 2023 से 15 जून, 2023 तक पूरी क्षमता से परिचालन करने को कहा था ताकि मांग में आए उछाल को पूरा किया जा सके। मंत्रालय ने घरेलू कोयला आधारित ताप बिजलीघरों से शुष्क ईंधन की किसी भी कमी से बचने के लिए मिश्रण को कोयला आयात करने को कहा था।

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