केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले महीने से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा के दौरान जमीन से लेकर आसमान तक पैनी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही साथ ही, यात्रियों की सुविधा के लिए रात में भी श्रीनगर और जम्मू से हवाई सेवा उपलब्ध कराने को कहा। शाह ने शुक्रवार को दो महीने तक चलने वाली यात्रा के लिए की जा रही सुरक्षा तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की। शाह ने बैठक के दौरान कहा कि मोदी सरकार की यह प्राथमिकता है अमरनाथ यात्रियों को सुगमता से दर्शन हों और उन्हें किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
उन्होंने यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। दरअसल ऐसी खुफिया रिपोर्ट मिली है कि पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी समूह यात्रा में खलल डालने की कोशिश कर सकते हैं। शाह ने हवाईअड्डा-रेलवे स्टेशन से यात्रा बेस कैंप तक के मार्ग पर हर प्रकार की सुचारू व्यवस्था बनाए रखने को भी कहा। गृह मंत्री शाह ने ऑक्सीजन सिलिंडर और उनकी रिफिलिंग सुनिश्चित करने के साथ-साथ इसका पर्याप्त भंडार रखने और डॉक्टरों की अतिरिक्त टीमें उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
पर्याप्त चिकित्सा बेड और किसी भी आपात चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस तथा हेलिकॉप्टर तैनात करने को भी कहा। साथ ही अमरनाथ यात्रियों के आवागमन, ठहरने, बिजली, पानी, संचार और स्वास्थ्य समेत सभी आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि यात्रा मार्ग में बेहतर संचार और भूस्खलन होने की स्थिति में मार्ग तुरंत खोलने के लिए मशीने तैनात करने के निर्देश भी दिए।
पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए 1 जुलाई से यात्रा शुरू हो रही है जो 62 दिन बाद 31 अगस्त को समाप्त होगी। बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना के उत्तरी कमा के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और अन्य आला अधिकारी और यात्रा से जुड़े पदाधिकारी शामिल हुए।
सभी यात्रियों को मिलेंगे आरएफआईडी कार्ड, 5 लाख का बीमा
अमरनाथ यात्रा के सभी यात्रियों को आरएफआईडी कार्ड दिए जाएंगे जिससे उनकी रियलटाइम लोकेशन का पता लगाया जा सके। हर अमरनाथ यात्री का पांच लाख रुपये और हर पशु का 50,000 रूपये का बीमा करवाया जाएगा। इसके अलावा यात्रा के लिए टेंट सिटी, यात्रा मार्ग पर वाईफाई हॉटस्पॉट और समुचित प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, बाबा बर्फानी के ऑनलाइन लाइव दर्शन, पवित्र अमरनाथ गुफा में सुबह और शाम की आरती का सीधा प्रसारण और बेस कैंप में धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के आसार
पिछले साल 3.45 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे। इस साल उम्मीद की जा रही है कि यह संख्या 5 लाख तक पहुंच सकती है। पिछले साल अचानक आई बाढ़ जैसी स्थिति से बचने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) यात्री शिविर के लिए सुरक्षित स्थानों की पहचान करने में जुटा है। पिछले साल के हादसे में 16 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी।
प्राकृतिक घटनाओं पर नजर
पवित्र गुफा के आसपास ऊंचाई वाले स्थानों पर किसी प्राकृतिक खतरे का पता लगाने के लिए भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों की मदद लेने का फैसला किया गया है। यात्रा से पहले ही रिमोट सेंसिंग एवं सैटेलाइट, हाइड्रोलॉजी जैसे विभाग के विशेषज्ञ हेलिकॉप्टर से उड़ान भरेंगे और ग्लेशियर के टूटने या नए झीलों के निर्माण पर नजर रखेंगे। इस तरह की प्राकृतिक घटनाओं से आकस्मिक बाढ़ का खतरा हो सकता है।
प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए जगह-जगह बनेंगे शिविर
यात्रा के रास्ते में ऐसे जगह शिविर बनाए जाएंगे ताकि किसी बाढ़ या भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा में तीर्थयात्रियों को कोई नुकसान न पहुंचे। साथ ही, ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में ग्लेशियर के टूटने या झीलों के बनने की स्थिति पर भी नजर रखी जाएगी।
15 तक रास्ते से बर्फ हटाने का लक्ष्य
बालटाल और पहलगाम होकर पवित्र गुफा को जाने वाले रास्ते पर हाल ही में भारी बर्फबारी हुई है। इससे दोनों रास्ते बंद हो गए हैं। इसको देखते हुए सीमा सड़क संगठन को 15 जून तक बर्फ हटाकर रास्ते को साफ करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।