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भारत में जल जीवन मिशन से बचाई जा सकती हैं चार लाख जिंदगियां, डब्ल्यूएचओ के अध्ययन में सामने आई जानकारी

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डब्ल्यूएचओ के अध्ययन के अनुसार, जल जीवन मिशन से हर घर नल होने से जल जनित बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकेगा और गुणवत्तापूर्ण जल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

अगर जल जीवन मिशन (जेजेएम) सभी ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के अपने लक्ष्य को पूरा करता है तो डायरिया से होने वाली लगभग चार लाख लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। दिल्ली में शुक्रवार को भारत में विश्व स्वास्थ संगठन के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. आफ्रिन की ओर से जारी अध्ययन की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। आफ्रिन भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि है। जेजेएम योजना के तहत 2024 तक देश के सभी साढ़े छह लाख गांवों में नल से जल की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।डब्ल्यूएचओ के अध्ययन के अनुसार, जल जीवन मिशन से हर घर नल होने से जल जनित बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकेगा और गुणवत्तापूर्ण जल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। देश में जल जनित बीमारियां मौतों का बड़ा कारण हैं। सुरक्षित पेयजल से जल जनित रोगों बीमारियों से बचाव होगा। इससे हर साल लगभग 4 लाख डायरिया रोग से होने वाली मौतें रुकेंगी। भारत में 5 साल तक के बच्चों की मौतों का तीसरा बड़ा कारण डायरिया है और यह 13 फीसदी मौतों की वजह भी बनता है। लिहाजा इससे निपटने के लिए देश को दीर्घकालीन प्रयासों की जरूरत है।

जल जीवन मिशन का उद्देश्य
योजना का उद्देश्य राज्यों के उन ग्रामीण इलाको में पानी की सुविधा उपलब्ध करवाना है, जहां बढ़ती जनसंख्या के साथ पानी जैसी समस्या भी बढ़ती जा रही है। ऐसे कई ग्रामीण क्षेत्र है, जहां लोगो को कई किलोमीटर दूर पैदल चल कर पानी लाना पड़ता है।

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