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सात जुलाई से परिषद में कांग्रेस का नहीं होगा एक भी सदस्य, सपा से नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर संशय बरकरार

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जीत का प्रमाण पत्र लेने के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व अन्य।

 

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के इतिहास में भाजपा का सबसे अच्छा दौर सात जुलाई से शुरू होगा। जब भाजपा 73 सदस्यों के साथ लगभग दो तिहाई सीटों पर काबिज होगी। वहीं सपा अपने राजनीतिक इतिहास में परिषद में सबसे कमजोर स्थिति में होगी। तो बसपा महज एक सीट के साथ सबसे बुरे दौर में होगी। कांग्रेस के एक मात्र सदस्य दीपक सिंह का कार्यकाल समाप्त होने के बाद परिषद में उनका कोई सदस्य नहीं होगा।

विधान परिषद की 13 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा के 9 और सपा के चार उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। सोमवार को परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा की सदस्य संख्या 66 से बढ़कर 73 हो गई है। इसमें उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी पहले से परिषद सदस्य थे। जबकि पांच मंत्रियों सहित भाजपा के सात नए सदस्य चुने गए है। सपा की सदस्य संख्या 11 से घटकर 9 हो गई है। भीमराव आंबेडकर बसपा के एकमात्र सदस्य बचे है, उनका कार्यकाल 5 मई 2024 तक है। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से अक्षय प्रताप सिंह, अपना दल के आशीष पटेल, शिक्षक दल (गैर राजनीतिक दल) से सुरेश कुमार त्रिपाठी व ध्रुव कुमार त्रिपाठी और निर्दलीय समूह से राज बहादुर सिंह चंदेल व डॉ. आकाश अग्रवाल हैं जबकि विक्रांत सिंह और अन्नपूर्णा सिंह स्थानीय निकाय क्षेत्र से निर्दलीय सदस्य है।

परिषद में सात जुलाई से सपा की सदस्य संख्या मात्र नौ रहेगी। लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की नियमावली के अनुसार सत्ता पक्ष के बाद दूसरे सबसे बड़े विरोधी दल की सदस्य संख्या कम से कम दस प्रतिशत होने पर ही नेता प्रतिपक्ष चुना जाता है। जबकि सपा की सदस्य संख्या 9 (नौ प्रतिशत) ही है। ऐसे में सपा से नेता प्रतिपक्ष चुना जाएगा या नहीं, इस पर संशय बरकरार है। विधान परिषद के प्रमुख सचिव राजेश सिंह का कहना है कि वह नियमावली का अध्ययन करने के बाद ही इस संबंध में निर्णय लेंगे।

मनोनयन के बाद 81 तक पहुंचेगा भाजपा का आंकड़ा
विधान परिषद में मनोनीत कोटे की छह सीटें रिक्त हैं। सरकार आने वाले दिनों में इन छह सीटों पर सदस्यों को मनोनीत करेगी। उनमें सभी सदस्य भाजपा और विचार परिवार से जुड़े संगठनों से होंगे। वहीं नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन और पूर्व एमएलसी जयवीर सिंह के विधायक निर्वाचित होने से खाली हुई दो सीटों पर उप चुनाव होना है। उप चुनाव में भी दोनों सीटें भाजपा को मिलना तय है। मनोनीत कोटे की छह और उप चुनाव की दो सीटें मिलने के बाद परिषद में भाजपा की सदस्य संख्या 81 पहुंच जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम दर्ज होगा रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विधान परिषद में भाजपा को करीब दो तिहाई बहुमत मिलने का रिकॉर्ड भी दर्ज होगा। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और परिषद में नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह के नाम भी यह रिकॉर्ड दर्ज होगा। उनके नेता सदन के कार्यकाल में पार्टी को पहली बार 81 सीटों तक पहुंचने का मौका मिलेगा। 

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