लखनऊ कोर्ट में कुख्यात संजीव जीवा की हत्या कर दी गई। संजीव जीवा का कनेक्शन सहारनपुर से भी रहा है। उसने मुजफ्फरनगर के डॉ. वेदभूषण का अपहरण कर उसे देवबंद में रखा था। तब, पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में दो बदमाश भी मारे गए थे।
इसके बाद उसकी नजदीकियां कुख्यात सतेंद्र बरवाला के साथ बढ़ी। देहरादून से दिल्ली लौट रहे कोलकाता के व्यापारी प्रतीक दीवान के खतौली के पास हुए अपहरण में जीवा को नामजद किया गया। जीवा ने अपराध की दुनिया में ऊंची उड़ान भरने की चाह से एक के बाद एक वारदात अंजाम दी। प्रॉपर्टी कब्जाने और ठेकेदारी के मामलों में जीवा के नाम की खूब गूंज हुई।
डॉक्टर का अपहरण कर देवबंद ले गया था जीवा
लखनऊ कोर्ट में कुख्यात संजीव जीवा की हत्या कर दी गई। संजीव जीवा का कनेक्शन सहारनपुर से भी रहा है। उसने मुजफ्फरनगर के डॉ. वेदभूषण का अपहरण कर उसे देवबंद में रखा था। तब, पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में दो बदमाश भी मारे गए थे।
संजीव जीवा ने सहारनपुर से कोलकाता एक बड़े व्यापारी का कार सहित अपहरण कर लिया था। जीवा ने व्यापारी के कार चालक की हत्या कर शव को खतौली स्थित नहर में फेंक दिया था। इसके बाद व्यापारी के परिजनों से तीन करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। बताते हैं कि तब एसएसपी ने पुलिस की करीब 15 टीमों को व्यापारी की सकुशल बरामदगी के लिए लगाया था। इसके बाद व्यापारी को जनपद शामली के कस्बा कैराना से बरामद किया गया था।
कुख्यात संजीव जीवा पहले आदमपुर और फिर मुजफ्फरनगर शहर के प्रेमपुरी में रहा। वर्तमान में उनका परिवार उत्तर पूर्वी दिल्ली में रहा है। आज भी स्थायी पते में आदमपुर का नाम ही दर्ज है।
शहर की कोतवाली नई मंडी में व्यवसायी मनीष गुप्ता ने संजीव जीवा, उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी और गैंग के सदस्यों के खिलाफ 21 मई 2022 को दर्ज कराया था। इस मुकदमे में जीवा की संपत्ति को भी कुर्क कर लिया गया था।
आधुनिक हथियारों के शौकीन संजीव जीवा का नाम पिछले साल एके-47 बेचने में भी आया था। भौराकलां क्षेत्र के गांव हड़ौली निवासी अनिल उर्फ पिंटू को शामली पुलिस ने पकड़ा गया था। उसके पास से एके-47 बरामद हुई थी। यह हथियार जीवा की ओर से बेचने की बात सामने आई थी।
– वर्ष 1995 में थाना सिविल लाइन थाने में हत्या, लूट व अपराध की साजिश रचना का मुकदमा।
– वर्ष 1995 में सिविल लाइन थाने में लूट का मुकदमा।
– वर्ष 1995 में सिविल लाइन थाना में रंगदारी का प्रयास का मुकदमा।
– वर्ष 1998 में शहर कोतवाली मुजफ्फरनगर लूट का मुकदमा।
– वर्ष 2001 में शहर कोतवाली मुजफ्फरनगर में चोरी का मुकदमा।
– वर्ष 2002 में खतौली थाने में डकैती व हत्या का मुकदमा।
– वर्ष 2002 में खतौली थाने में बलवा व जानलेवा का मुकदमा।
– वर्ष 2002 में खतौली थाने में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा।
– वर्ष 2003 में हत्या व डकैती का मुकदमा।
– वर्ष 2010 में गैंगस्टर एक्ट।
– वर्ष 2022 में नई मंडी में गैंगस्टर और रंगदारी
कुख्यात संजीव जीवा 17 मुकदमों में दोषमुक्त हो गया था। गैंगस्टर के तीन मुकदमों में गवाही की प्रक्रिया चल रही है, जबकि एक मुकदमें में आजीवन कारावास की सजा हुई थी।