भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने 2015 में येदियुरप्पा के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया था।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने 2015 में येदियुरप्पा के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया था। भाजपा नेता के वकील ने जस्टिस एम नागप्रसन्ना की पीठ को बताया कि समान पक्षों के बीच 2016 में संबंधित मामलों में हाईकोर्ट की एक समन्वय पीठ के दिए फैसले में समान मुद्दे को शामिल किया गया था। समन्वय पीठ ने तब सभी 15 एफआईआर खत्म कर दिए थे।
जस्टिस नागप्रसन्ना ने 1 जून के अपने फैसले में कहा कि चूंकि कैग की रिपोर्ट न्यायिक जांच के लिए उपलब्ध नहीं है, इसलिए उसे आपराधिक मामले का आधार और जांच का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता है। इसके साथ ही पीठ येदियुरप्पा के खिलाफ लंबित मामले को खारिज कर दिया।