अध्ययन के मुताबिक, शिशु को दिन में कम से कम आठ घंटे तक मां के साथ रखना होगा। ऐसा करने से मां और शिशु दोनों की मृत्युदर और संक्रमण में कमी लाई जा सकती है।
जन्म लेने के 24 घंटे के भीतर यदि शिशु को मां के निकट संपर्क में रखा जाए तो भविष्य में होने वाले जोखिम को कम किया जा सकता है। भारत में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है, जिसे बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के मुताबिक, शिशु को दिन में कम से कम आठ घंटे तक मां के साथ रखना होगा। ऐसा करने से मां और शिशु दोनों की मृत्युदर और संक्रमण में कमी लाई जा सकती हैकेंद्र सरकार के पुडुचेरी स्थित जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) और नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के शोधकर्ताओं ने इस विषय पर कई बड़े बहु-देशीय और समुदाय-आधारित परीक्षणों की समीक्षा की है। शोधकर्ताओं ने कंगारू मदर केयर (केएमसी) की पारंपरिक देखभाल के साथ तुलना करते हुए प्रारंभिक दृष्टिकोण में यह देखा कि कैसे मां का निकट संपर्क एक शिशु के लिए वरदान बन सकता है।
शोध में 15,559 शिशु शामिल
परीक्षणों में 15,559 शिशु शामिल थे और इनमें से 27 अध्ययनों ने पारंपरिक देखभाल के साथ केएमसी की तुलना की, जबकि चार ने केएमसी की प्रारंभिक शुरुआत के साथ तुलना की। विश्लेषण से पता चला है कि पारंपरिक देखभाल की तुलना में केएमसी शिशु जन्म के 28 दिनों के बाद मृत्यु दर के जोखिम को 32% तक कम कर सकता है। साथ ही शिशु या मां में संक्रमण का जोखिम 15% तक कम कर सकता है।