कयास लगाए जा रहे हैं कि रायबरेली से कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने चुनाव लड़ा तो उन्हें स्मृति ईरानी टक्कर दे सकती हैं। बीते सात दिनों में उन्होंने सलोन में दूसरा दौरा किया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री व अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी की रायबरेली जिले की सलोन विधानसभा क्षेत्र में बढ़ती सक्रियता से अमेठी से लेकर रायबरेली तक राजनीतिक पारा चढ़ गया है। अमेठी लोकसभा क्षेत्र में सलोन आता है। ऐसे में बीते सात दिन में वहां स्मृति के दूसरे दौरे से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा के गलियारों में चर्चा है कि स्मृति अमेठी में सक्रियता बढ़ाकर लोकसभा चुनाव की जमीन मजबूत करने के लिए कील-कांटे निकाल रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के नौ वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सभी केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाकर महाजनसंपर्क अभियान में शामिल होने को कहा है। इसके जरिये लोकसभा क्षेत्र में सांसदों को क्षेत्र में सक्रिय भी करना है।
चर्चा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ सकती हैं। यह चर्चा सही साबित हुई तो अमेठी में लोकसभा चुनाव का मुकाबला न केवल वर्ष 2019 से ज्यादा रोचक होगा बल्कि कांटे के मुकाबले का होगा। ऐसे में स्मृति ने अपने संसदीय क्षेत्र में जनता के बीच उपस्थिति बढ़ाकर सड़क, नाली, पानी, बिजली, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं के समाधान पर ताकत लगाई है।
इसलिए सलोन में सक्रिय हैं स्मृति
लोस चुनाव 2019 में अमेठी संसदीय क्षेत्र के अनुसूचित जाति बहुल विधानसभा क्षेत्र सलोन में स्मृति अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राहुल गांधी से 1910 मत अधिक पाई थीं। स्मृति को 90,195 और राहुल को 88,285 वोट मिले थे। यदि आगामी लोस चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी की जगह प्रियंका वाड्रा चुनाव लड़ती हैं तो स्मृति के लिए चुनाव आसान नहीं होगा। हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भी सलोन नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर निर्दलीय ने बाजी मारी हैं। वहां भाजपा के प्रत्याशी परमेश चौथे स्थान पर रहे। संभवत: इसलिए स्मृति ने अपने चुनाव अभियान के पहले चरण में सलोन में सक्रियता बढ़ाई है। वह 30 मई से एक जून तक यूपी के दौरे पर थीं। इस दौरान उन्होंने सर्वाधिक वक्त सलोन विधानसभा क्षेत्र में दिया। सलोन के छतोक ब्लॉक के गांवों का दौरा किया, जगह-जगह जनता दरबार लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। स्मृति सोमवार को फिर अमेठी के दौरे पर पहुंचीं। इस बार भी उनका पूरा फोकस सलोन विधानसभा क्षेत्र पर ही है। इसके बाद वह अमेठी में डेरा जमाएंगी। वर्ष 2019 में एकमात्र अमेठी विधानसभा क्षेत्र में स्मृति ईरानी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राहुल गांधी से 320 वोट से कम पाई थीं। अमेठी में राहुल गांधी को 80,378 और स्मृति को 80,148 वोट मिले थे।
हौंसला बढ़ाना भी है मकसद
नगरीय निकाय चुनाव के दौरान सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने गौरीगंज नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी रेशमी के पति दीपक सिंह की पिटाई कर दी थी। भाजपाइयों के धरना-प्रदर्शन और तमाम दबाव के बावजूद पुलिस राकेश प्रताप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कर रही थी। भाजपा के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि मामले में स्मृति के तल्ख अंदाज में दखल देने के बाद शासन में हलचल मच गई। उसके बाद राकेश प्रताप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया लेकिन अभी तक राकेश प्रताप सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। इससे स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए ही स्मृति लगातार अमेठी का दौरा कर रही हैं।
रायबरेली में चर्चाओं का बाजार गर्म
सलोन में स्मृति की सक्रियता ने रायबरेली में इस चर्चा को जन्म दे दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में यदि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ती हैं तो भाजपा से वह उन्हें टक्कर देंगी। प्रियंका के मुकाबले के लिए भाजपा को एक मजबूत महिला उम्मीदवार की आवश्यकता होगी, पार्टी के पास स्मृति के रूप में बेहतर विकल्प होगा।
रायबरेली की भी चिंता
स्मृति ईरानी ने एक जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर ट्वीट किया था। इसमें लिखा था कि सीएम योगी से मुलाकात कर अमेठी और रायबरेली जिले में लोकहित से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की। इस ट्वीट के यह भी मायने निकाले जा रहे हैं कि स्मृति अमेठी के बाद रायबरेली में कांग्रेस का गढ़ ढहाने की तैयारी कर रही हैं। इस ट्वीट ने भी उनके रायबरेली से चुनाव लड़ने की चर्चा को बल दिया है।