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आखिर कौन से थे वह 300 मोबाइल नंबर, जिनसे रात भर अटाला में होती रही बात

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अटाला बवाल मामले में पुलिस को 300 संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जानकारी मिली है। यह वह नंबर हैं जो घटना से एक दिन पहले रात भर अटाला व आसपास के इलाकों में सक्रिय थे। पुलिस इनके  बारे में जानकारी जुटाने में लग गई है। पता लगाया जा रहा है कि इन नंबरों का इस्तेमाल कौन कर रहा है। साथ ही इस बात की भी जानकारी जुटाई जा रही है कि इन नंबरोें में से कौन से नंबर ऐसे हैं जिनकी बातचीत साजिशकताओं से हुई।

घटना के बाद पुलिस की ओर से मामले की तह तक पहुंचने के लिए तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है। इसी के तहत सर्विलांस सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि अब तक कि जांच में लगभग 300 ऐसे मोबाइल नंबरों की जानकारी मिली है, जिनके जरिए घटना से एक दिन पहले यानी बृहस्पतिवार की रात लगातार बातचीत की जाती रही। यह नंबर रात भर सक्रिय रहे और इनसे लगातार फोन कॉल्स की जाती रहीं।

साजिश रचने वालों की निकलवाई जा रही सीडीआर
पुलिस ने साजिश रचने के आरोपी बनाए गए नामजद लोगों की भी सीडीआर निकलवाई है। अब यह देखा जा रहा है कि संदिग्ध नंबरों में से कुछ ऐसे नंबर तो नहीं जिनके जरिए साजिकर्ताओं के नंबरों पर भी कॉल की गई। फिलहाल नंबरों की डिटेल निकलवाई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि जिन नंबरों से साजिशकर्ताओं के नंबरों पर बात हुई होगी, उन नंबरों को इस्तेमाल करने वालों से भी पूछताछ की जाएगी।

एक-एक गतिविधियों पर नजर
उधर, अटाला में हुई हिंसा के मामले में एसटीएफ ने भी नजरें गड़ा दी हैं। उसकी ओर से मामले से जुड़ी एक-एक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। बवाल में जिन लोगों के नाम अब तक सामने आए हैं, उनसे संबंधित इनपुट भी ढूंढ़ा जा रहा है। सीओ एसटीएफ नवेंदु सिंह ने बताया कि फिलहाल इस मामले को जिला पुलिस व आला अधिकारी ही देख रहे हैं। लेकिन एसटीएफ की नजर भी साजिशकर्ताओं पर है।

अटाला हिंसा में नामजद होने के बाद घर नहीं आया तौहिद

घूरपुर के करमा बाजार के रहने वाले तौहिद पुत्र स्वर्गीय गुलाम हसन शुक्त्रस्वार को हुए अटाला हिंसा में आरोपी बनाए जाने के बाद घर नहीं आया। मां गुड़िया का कहना है कि वह  अटाला में काम करने के लिए गया हुआ था। तौहिद को लेकर  परिजन परेशान हैं। नाबालिग होने के कारण उसे जेल नहीं भेजा गया है। मां का कहना है कि गरीब और बेसहारा है उसके बेटे का हिंसा में कोई लेना देना नहीं है। मां ने शासन से मदद की गुहार लगाई है।

कुछ वर्ष पहले पिता गुलाम हसन का साया सर से उठने के बाद घर में खाने.पीने की दिक्कत होने लगी। घर का खर्चा चलाने के लिए तौहिद घर से बाहर निकला। वह अटाला स्थित एक दुकान पर काम करने लगा। बताया जाता है कि शुक्त्रस्वार को हुई हिंसा में वह अटाला से निकला ही था कि पुलिस ने उसे पकड़ लिया। आधार के अनुसार उसकी जन्मतिथि 2006 है। मां ने शासन से न्याय की गुहार लगाई है। तौहिद के घर की हालत बहुत खराब है ना तो मकान है न ही घर में कोई देखभाल करने वाला। पुलिस ने वीडियो फुटेज से आरोपियों को चिन्हित किया है

 

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