पिछले कुछ दशकों में जिस तरह से हमारे पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ रहा है, यह न सिर्फ वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि पर्यावरणीय चुनौतियां हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं, विशेष रूप से बुजुर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर, गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर इसके दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं।वायु-जल, ध्वनि के साथ कई वातावरण में कई प्रकार के प्रदूषण बढ़ रहे हैं जिन्हें अध्ययनों में सीधे तौर पर हृदय रोग, कैंसर, पार्किंसंस डिजीज और कई अन्य गंभीर बीमारियों से संबंधित पाया है।पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण की रोकथाम और इसके कारण बढ़ रही स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 5 जून के विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कई प्रकार के एनवायरमेंटल फैक्टर्स हैं जिनका हमारी सेहत पर सीधा असर देखा जा रहा है। सभी लोगों को इसपर गंभीरता से ध्यान देना और बचाव के उपाय करना बहुत आवश्यक है। आइए सेहत को प्रभावित करने वाले ऐसे ही कारकों के बारे में जानते हैं।