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आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान, महंगाई दर रिकॉर्ड 37.97 फीसदी पहुंची

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पाकिस्तान, वर्तमान में एक बड़े राजनीतिक और साथ ही आर्थिक संकट की गिरफ्त में है, उच्च विदेशी ऋण कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है।

पाकिस्तान की वार्षिक मुद्रास्फीति मई में सालाना आधार पर रिकॉर्ड 37.97 प्रतिशत पर पहुंच गई। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

पाकिस्तान, वर्तमान में एक बड़े राजनीतिक और साथ ही आर्थिक संकट की गिरफ्त में है, उच्च विदेशी ऋण कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है। मुद्रास्फीति को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) नामक उत्पादों और सेवाओं की एक टोकरी के आधार पर मापा जाता है, जिसमें वस्तुओं को अलग-अलग वजन वाले 12 प्रमुख घटकों में विभाजित किया जाता है।

सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जो मूल्य वृद्धि का रिकॉर्ड रखता है, साल-दर-साल सबसे अधिक वृद्धि मादक पेय और तंबाकू की श्रेणियों में 123.96 प्रतिशत, मनोरंजन और संस्कृति में 72.17 प्रतिशत और 52.92 प्रतिशत परिवहन में दर्ज की गई।

गेहूं, चावल आदि की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी
खाद्य समूह में पिछले वर्ष की तुलना में मई में जिन वस्तुओं की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि हुई, उनमें सिगरेट, आलू, गेहूं का आटा, चाय, गेहूं और अंडे और चावल शामिल हैं। गैर-खाद्य श्रेणी में पाठ्यपुस्तक, स्टेशनरी, मोटर ईंधन, कपड़े धोने के साबुन, डिटर्जेंट और माचिस की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। इससे पहले, साल-दर-साल मुद्रास्फीति का उच्चतम प्रतिशत अप्रैल में 36.4 प्रतिशत दर्ज किया गया था। सीपीआई में नवीनतम वृद्धि के साथ, औसत मुद्रास्फीति इस वित्त वर्ष के 11 महीनों (जुलाई से मई) में 29.16 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि पिछले वर्ष यह11.29 प्रतिशत थी।

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