गुड्डू मुस्लिम की तलाश में आसपास के जिलों से लेकर यूपी के बाहर तक की खाक पुलिस व एसटीएफ छान चुकी है। एमपी, महाराष्ट्र व नासिक में भी उसकी तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाने का दावा किया जा चुका है। प्रयागराज के साथ ही विदेशी असलहों की तस्करी के मामले में दिल्ली पुलिस भी उसकी तलाश में जुटी है।
एनकाउंटर व अतीक-अशरफ हत्याकांड को लेकर चल रही जांच में उलझी कमिश्नरेट पुलिस पांच लाख के फरार तीन इनामी शूटरों को भूल सी गई है। हाल यह है कि 96 दिन बीतने के बाद भी पुलिस इनके बारे में कोई क्लू जुटा पाने में नाकाम है। न ही बमबाज गुड्डू मुस्लिम पकड़ा गया और न ही गोलियां बरसाने वाले साबिर व अरमान का कुछ पता लग सका है। यहां तक कि अब शूटरों की तलाश में दबिश भी बंद हो गई है। ऐसा क्यों है, इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है।
गुड्डू मुस्लिम की तलाश में आसपास के जिलों से लेकर यूपी के बाहर तक की खाक पुलिस व एसटीएफ छान चुकी है। एमपी, महाराष्ट्र व नासिक में भी उसकी तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाने का दावा किया जा चुका है। प्रयागराज के साथ ही विदेशी असलहों की तस्करी के मामले में दिल्ली पुलिस भी उसकी तलाश में जुटी है। इसके बावजूद अब तक वह हाथ नहीं आया है। उधर हत्या से ठीक पहले आखिरी बार अतीक के भाई अशरफ ने भी उसका ही नाम लिया था।
साबिर, अरमान ने मारी थी गनर को गोली
पांच लाख के दो इनामी शूटर साबिर व अरमान भी पुलिस को छकाने में अब तक कामयाब रहे हैं। साबिर तो फरारी के दौरान दो बार प्रयागराज भी आ चुका है और पुलिस को भनक लगने से पहले ही भाग भी निकला। उधर अरमान के बारे में यह भी बात सामने आई थी कि उसने बिहार में किसी पुराने मामले में सरेंडर कर दिया। हालांकि प्रयागराज पुलिस की ओर से अब तक इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया गया। बता दें कि उमेश पाल के गनर संदीप निषाद (जो घटना के वक्त कार में ही बैठा था) को गोली से साबिर व अरमान ने ही भूना था।