स्वीडन के आउटडोर बार और रेस्तरां में गर्म हवा तो है लेकिन कहीं भी सिगरेट का धुआं नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बुधवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस घोषित करने वाले दिन यूरोपीय संघ (ईयू) में स्वीडन एक ऐसे देश के रूप में चिन्हित हुआ जहां धूम्रपान की दर सबसे कम है। यह देश खुद को धूम्रपान मुक्त घोषित करने के करीब पहुंच चुका है जहां 5 फीसदी से भी कम लोग दैनिक रूप से धूम्रपान करते हैं।
यूरोस्टेट सांख्यिकी एजेंसी के मुताबिक, 2019 में 15 वर्ष से अधिक आयु के सिर्फ 6.4 फीसदी लोग यहां दैनिक धूम्रपान करने वाले थे, जो यूरोपीय संघ में सबसे कम और 27 देशों के ब्लॉक में 18.5 फीसदी के औसत से काफी नीचे है। स्वीडन की पब्लिक हेल्थ एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि तब से धूम्रपान की दर में गिरावट जारी है, जो पिछले साल 5.6 फीसदी तक पहुंच गई थी। स्टॉकहोम निवासी कैरिना एस्टोरसन ने कहा, हमें जीने का स्वस्थ तरीका पसंद है, मुझे लगता है कि इसी कारण स्वीडन में धूम्रपान के प्रति दिलचस्पी बहुत कम है।
फेफड़ों के कैंसर की दर अपेक्षाकृत कम
स्वीडिश कैंसर सोसायटी के महासचिव उलिका अरेहेड ने कहा, हम सार्वजनिक स्थानों पर कई वर्षों से पाबंदी लगाने में जुटे रहे। हमने धूम्रपान पर जिस तरह से सख्ती की उसका असर यह रहा कि अब यहां फेफड़ों के कैंसर की दर दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा कम हो गई है।
सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान वर्जित
1.5 करोड़ के देश में बस स्टॉप, ट्रेन प्लेटफॉर्म पर और अस्पतालों व अन्य सार्वजनिक इमारतों के आसपास तक कोई धूम्रपान करता नहीं दिखाई देता। 2019 के बाद से स्वीडन का धूम्रपान प्रतिबंध उनके बाहरी बैठने की जगह पर भी लागू हो गया।
कनाडा हर सिगरेट पर स्वास्थ्य चेतावनी लगाने वाला पहला देश बनेगा
कनाडा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक समाचार विज्ञप्ति में कहा कि नए तम्बाकू उत्पादों की उपस्थिति, पैकेजिंग और चेतावनी नियम कनाडा सरकार के उन वयस्कों की मदद करने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा होगा जो धूम्रपान छोड़ने में युवाओं और गैर-तंबाकू उपयोगकर्ताओं को निकोटीन की लत से बचाने के लिए और तंबाकू की अपील को और कम करने में मदद करेगी।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि हर सिगरेट पर चेतावनी धूम्रपान करने वालों के लिए चेतावनियों से बचना लगभग असंभव बना देगा। कैनेडियन कैंसर सोसायटी के वरिष्ठ नीति विश्लेषक रॉब कनिंघम के अनुसार, नया नियम विश्व में मिसाल कायम करने वाला उपाय होगा, जो हर उस व्यक्ति तक पहुंचेगा जो धूम्रपान करता है। यह नियम 2035 तक देशभर में तंबाकू की खपत को पांच प्रतिशत से कम करने के देश के लक्ष्य का हिस्सा है।