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भारतीय सभ्यता-संस्कृति को समझने निकले 13 देशों के युवा, मुगल वास्तुकला का नमूना रह गए दंग

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24 मई को युवाओं ने ताजमहल व लाल किले का भ्रमण किया। मुगल वास्तुकला का बेजोड़ नमूना देख अधिकांश छात्रों ने कहा, भारत के इतिहास व यहां की सांस्कृतिक विरासत को समझने के लिए 10 दिन काफी नहीं हैं।

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की तरफ से 13 देशों के 31 युवा छात्रों को हिंदी विश्व यात्रा कराई जा रही है। योजना के तहत इन्हें हिंदी भाषा की जानकारी देने के साथ भारत की सभ्यता संस्कृति के बारे में बताया जा रहा है। इसके लिए युवाओं को विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया जा रहा है।24 मई को युवाओं ने ताजमहल व लाल किले का भ्रमण किया। मुगल वास्तुकला का बेजोड़ नमूना देख अधिकांश छात्रों ने कहा, भारत के इतिहास व यहां की सांस्कृतिक विरासत को समझने के लिए 10 दिन काफी नहीं हैं। 20 से 29 मई के बीच 10 दिवसीय यात्रा के दौरान विदेशी युवाओं को भारत के अलग-अलग राज्यों के प्रसिद्ध स्थलों व स्मारकों का भ्रमण कराया जा रहा है।  आईसीसीआर के कार्यकारी महानिदेशक राजीव कुमार ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, इटली कजाखिस्तान, कोरिया गणराज्य, जापान तजाकिस्तान, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका, पोलैंड, फिजी, मॉरीशस, रूस और श्रीलंका के 31 युवा हिंदी विश्व यात्रा पर आए हैं।

अच्छे साहित्यों का होगा अनुवाद : सहस्त्रबुद्धे
आईसीसीआर के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा, भाषायी ज्ञान को और विस्तार देने के लिए हिंदी के अच्छे साहित्यों का ताजिकित्सान, तंजानिया, जापान की भाषा में अनुवाद किया जाएगा

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