20-29 मई तक आयोजित होने वाली पहली ‘हिंदी विश्व यात्रा’ के युवा प्रतिनिधियों के समूह ने न्यू महाराष्ट्र सदन में मीडियाकर्मियों से बातचीत की और अपने अनुभव साझा किए।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) भारतीय छात्रों को विदेशी भाषाओं का ज्ञान दिलाने के लिए एक भाषाई सेतुबंध का निर्माण करेगा। इसके जरिये छात्रों को सबसे पहले श्रीलंका, म्यांमार, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, थाईलैंड समेत अन्य पड़ोसी देशों के भाषाओं की जानकारी दी जाएगी।यह बातें आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने कही। वह आईसीसीआर की तरफ से कराई जा रही 13 देशों की पहली हिंदी विश्व यात्रा के सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, जैसे हम विदेशी लोगों को हिंदी पढ़ाना चाहते हैं, वैसे ही हमारे देश के छात्रों को भी विषेशतौर पर पड़ोसी देशों की भाषाओं को जानना बहुत जरूरी है। इसलिए कजाक, उज्बेक, म्यांमार में बोली जाने वाली वर्मीज, थाईलैंड की थाई, श्रीलंका की सिंहली व अन्य पड़ोसी देशों का भाषाई ज्ञान देश के छात्रों को दिलाया जाएगा।सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि इसके लिए आईसीसीआर वहां के विश्वविद्यालयों से बातचीत कर रहा है। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है ताकि हमारे छात्र सिर्फ स्पैनिश, रसिया, फ्रेंच व जर्मन भाषा तक ही सीमित न रहें। कार्यक्रम में तनजानिया से आए छात्र फदिलि अलि पाजी ने गायक अरजीत सिंह का गाना गाय