पर्यावरण को स्वच्छ करने के लिए सरकार छोटी यात्राओं के लिए जेट के इस्तेमाल पर भी रोक लगा रहा है। यूरोपियन फेडरेशन फॉर क्लीन ट्रांसपोर्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कमर्शियल उड़ानों की तुलना में एक जेट प्रति व्यक्ति 14 गुना अधिक प्रदूषण करता है
फ्रांस सरकार ने कार्बन की रोकथाम के लिए एक नया फैसला लिया है, जिससे विमान उद्योग में खलबली सी मच गई है। मंगलवार को फ्रांस ने छोटी दूरी की यात्रा के लिए हवाई जहाज पर रोक लगा दी है। एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस सरकार ने फैसला किया है कि जिन यात्रा में ट्रेन में ढाई घंटे से कम समय लगता है, उन यात्राओं को अब फ्लाइट से नहीं किया जा सकता।
ट्रेनों को बेहतर बनाने पर जोर
फ्रांस के परिवहन मंत्री क्लेमेंट ब्यून ने एक इंटरव्यू में बताया कि कार्बन को कम करने के लिए यह एक आवश्यक और महत्वपूर्ण कदम है। हम अपने जिंदगी से कार्बन के इस्तेमाल को कम करना चाहते हैं, इसलिए छोटी दूरी के लिए हवाई यात्रा सही नहीं है। छोटी दूरी की यात्रा ट्रेन से तेज और नियमित है। नए कानून के अनुसार, ट्रेन की सेवाओं को प्रतिबद्ध किया जा रहा है। कानून के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जा रह है कि ट्रेन सेवाएं सभी छोटे रूटों पर हो, जो समय पर यात्रियों को मिल सके। नए कानून में ध्यान रखा गया है कि छोटी यात्रा करने वाले यात्रियों को उसी रूट पर आठ घंटे बाद दोबारा ट्रेन मिल सके, जिससे वह वापस आ सकें।
विमान उद्योग ने जताई आपत्ति
पर्यावरण को स्वच्छ करने के लिए सरकार छोटी यात्राओं के लिए जेट के इस्तेमाल पर भी रोक लगा रहा है। यूरोपियन फेडरेशन फॉर क्लीन ट्रांसपोर्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कमर्शियल उड़ानों की तुलना में एक जेट प्रति व्यक्ति 14 गुना अधिक प्रदूषण करता है। वहीं ट्रेन की तुलना में प्रदूषण 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। सरकार के इस फैसले से विमान उद्योग परेशान है। विमानों के एक समूह एयरलाइंस फॉर यूरोप के अंतरिम प्रमुख लॉरेंट डोनसेल ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि कार्बन की रोकथाम के लिए सरकार के इस फैसले से न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा। सरकार को प्रतिबंध के बजाए कोई ठोस और वास्तविक समाधान करना चाहिए।