यूपीएससी का परिणाम मंगलवार को जैसे ही जारी हुआ, हर कोई एक दूसरे का रैंक जानने में लग गया। जैसे ही यह पता चला कि सनबीम भगवानपुर से बारहवीं की पढ़ाई करने वाली गरिमा लोहिया ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है, वैसे ही शहरवासियों ने खुद को गौरवान्वित महसूस किया। हालांकि, गरिमा मूलरूप से बिहार की रहने वाली हैं, लेकिन उनकी सफलता का जश्न काशी में मना है।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की मुख्य परीक्षा में जिले की मेधा चमकी है। कठिन परिश्रम और लगन की बदौलत मेधावियों ने श्रेष्ठता साबित की है। आराजी विकास खंड के रोहित कुमार ने 225वीं रैंक हासिल करके काशी का मान बढ़ाया है। रोहित के पिता सब्जी बेचकर परिवार का खर्च चलाते हैं।यूपीएससी का परिणाम मंगलवार को जैसे ही जारी हुआ, हर कोई एक दूसरे का रैंक जानने में लग गया। जैसे ही यह पता चला कि सनबीम भगवानपुर से बारहवीं की पढ़ाई करने वाली गरिमा लोहिया ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है, वैसे ही शहरवासियों ने खुद को गौरवान्वित महसूस किया। हालांकि, गरिमा मूलरूप से बिहार की रहने वाली हैं, लेकिन उनकी सफलता का जश्न काशी में मना है। सनबीम शिक्षण समूह के चेयरमैन डॉ दीपक मधोक और निदेशक भारती मधोक ने यूपीएससी में झंडा गाड़ने वाले मेधावियों को बधाई दी। साथ ही केक काटकर जश्न मनाया। इसी तरह जिले में तैनात एएसडीएम व मूलरूप से बलिया के रहने वाले शिशिर ने भी श्रेष्ठता साबित की है। शिशिर की आल इंडिया रैंक 16वीं है। जैसे ही सफलता की सूचना मिली, वैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों ने बधाई दी। एडीएम वित्त एवं राजस्व संजय कुमार ने मिठाई खिलाकर शिशिर का मुंह मीठा कराया है।
बारहवीं की जिला टॉपर रही हैं गरिमा
यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में देश में दूसरा स्थान हासिल करने वाली गरिमा लोहिया शुरू से ही मेधावी रही हैं। सनबीम भगवानपुर की छात्रा रही गरिमा ने वर्ष 2017 की सीबीएसई परीक्षा में जिला टॉप किया था। वाणिज्य संवर्ग की इस छात्रा ने 98.2 फीसदी अंक हासिल किए थे। यूपीएससी का परिणाम आने के बाद गरिमा ने सनबीम शिक्षण समूह के चेयरमैन डॉ. दीपक मधोक, निदेशक भारती मधोक के साथ ही अपने शिक्षकों को फोन किया और आशीर्वाद लिया। मूल रूप से बक्सर बिहार की रहने वाली गरिमा के बारे में डॉ. दीपक मधोक ने कहा कि गरिमा ने न केवल विद्यालय बल्कि पूरे देश में काशी का मान बढ़ाया है। परीक्षा के दौरान ही गरिमा के पिता का निधन हो गया था। गरिमा ने कठिन परिस्थितियों में छात्रावास में रहकर पढ़ाई की और आईएएस बनने का जो सपना देखा, उसे अपने संघर्षों के दम पर पूरा किया।
एएसडीएम शिशिर चौथे प्रयास में हुए सफल
देश में 16वीं रैंक पाकर शिशिर सिंह ने आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया है। बलिया के हरपुर निवासी सिंहासन सिंह और कमलेश सिंह के बेटे शिशिर इस समय वाराणसी में अपर उपजिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। आईआईटी धनबाद से पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके शिशिर ने बताया कि चौथे प्रयास में सफलता हासिल की है। उन्होंने सफलता का मंत्र भी दिया और कहा कि अगर दृढ़ निश्चय के साथ कोई भी कार्य किया जाए तो उसमें सफलता जरूर मिलती है। इसकी जो खुशी होती है, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है।