इस दौरान 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी दलों द्वारा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिशों पर भी पवार ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल 25 मई को उनसे मुलाकात करेंगे।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार (19 मई) को बड़ा फैसला लेते हुए 2000 रुपए के नोटों को चलन से वापस लेने का एलान किया था। साथ ही आरबीआई ने यह भी साफ किया था कि इन नोटों की वैधता बरकरार रहेगी। आरबीआई के इस फैसले के बाद से विपक्ष सरकार के खिलाफ हमलावर है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने भी इसे लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि 2000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने का फैसला किसी ‘मूर्ख व्यक्ति’ की हरकत जैसा है। साथ ही उन्होंने कहा कि समीर वानखेड़े मामले में नवाब मलिक को परेशान किया गया। उन्हें मीडिया में सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ी।
2000 के नोटों को चलन से वापस लेने पर दी प्रतिक्रिया
शरद पवार ने पुणे में कि यह एक मूडी व्यक्ति के फैसले जैसा है। मुझे 2000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले के बारे में कुछ शिकायतें मिली हैं। विमुद्रीकरण के बाद पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक जैसी संस्थाओं को नुकसान हुआ क्योंकि इसके पास पड़े कई करोड़ रुपये आरबीआई से बदले नहीं जा सके।