आईएएस राम बिलास यादव की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। आईएएस राम बिलास यादव के खिलाफ एलडीए ने कार्रवाई के लिए शासन से संस्तुति की है।भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर नियुक्ति विभाग ने कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।
विजिलेंस के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्त में उत्तराखंड कॉडर के आईएएस राम बिलास यादव की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार में लिप्त रहने के आरोप में कार्रवाई करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने शासन को पत्र लिखा है। नियुक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। मामला राम बिलास यादव के एलडीए में सचिव रहने के दौरान नियम विरुद्ध तरीके से आवासीय एवं व्यवसायिक भूखंडों के सीधे आवंटन से जुड़ा बताया जा रहा है।नियुक्ति विभाग के सूत्रों की मानें तो रामबिलास यादव का कॉडर परिवर्तित होने की वजह से ये शिकायत उत्तराखंड सरकार को कार्रवाई करने के लिए भेजी जाएंगी। बताते चलें कि पूर्ववर्ती सपा सरकार में मंडी परिषद, एलडीए, लखनऊ नगर निगम में अहम पदों पर तैनात रहे राम बिलास यादव ने भाजपा सरकार आने पर अपना कॉडर बदलकर उत्तराखंड करवा लिया था। दरअसल, उनके खिलाफ लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा ने शासन से शिकायत की थी। इस शिकायत को उत्तराखंड सरकार को भेज दिया गया था, इसके बाद उत्तराखंड की विजिलेंस ने केस दर्ज कर जुलाई, 2022 में राम बिलास यादव के लखनऊ, गाजीपुर, देहरादून समेत आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापे मारे थे। इससे एक माह पूर्व जांच में सहयोग न करने पर उत्तराखंड सरकार ने राम बिलास को निलंबित भी कर दिया था।
2013 से 2016 के बीच जुटाईं अकूत संपत्तियां
उत्तराखंड विजिलेंस की जांच में सामने आया था कि राम बिलास यादव ने वर्ष 2013 से 2016 के बीच अपनी कुल आय से 500 गुना अधिक कीमत की चल-अचल संपत्तियां अर्जित कीं। इस अवधि में उनको बतौर वेतन 78.51 लाख रुपये आय हुई, जबकि उन्होंने 21.40 करोड़ रुपये चल-अचल संपत्तियों काे अर्जित करने में व्यय किए।