आयोग ने मीडियाकर्मियों से यह भी पूछा कि कातिलों को उन्होंने इससे पहले कभी देखा था या नहीं। इन सब सवालों के बीच हत्या से पहले और हत्या के बाद पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताने को कहा गया।
अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए बने न्यायिक आयोग ने गुरुवार को मीडियाकर्मियों से पूछा कि कि उन्होंने अतीक से क्या क्या सवाल पूछा था। अतीक ने क्या उत्तर दिया था। इतना ही नहीं आयोग ने यह भी पूछा कि कातिलों को उन्होंने इससे पहले कभी देखा था या नहीं। इन सब सवालों के बीच मीडियाकर्मियों से हत्या से पहले और हत्या के बाद पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताने को कहा गया। मीडियाकर्मियों से पहले आयोग ने मेडिकल स्टाफ और पुलिस वालों से भी पूछताछ की थीपूर्व मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले की अध्यक्षता में जस्टिस वीरेंद्र सिंह, जस्टिस अरविंद त्रिपाठी, आईपीएस मुकेश सिंह और पूर्व जिला जज मुकेश सोनी ने गुरुवार को मीडियाकर्मियों से पूछताछ शुरू की। मीडियाकर्मियों के लिए एक ही प्रकार की प्रश्नावली तैयार की गई थी। किस-किस ने अतीक के सवाल किए थे। अतीक ने क्या जवाब दिया था। अशरफ ने किस बात पर गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया था। कातिल मीडियाकर्मियों के भेष में वहां पर मौजूद थे। क्या किसी ने उन्हें पहले भी कभी देखा था।मीडियाकर्मियों ने बताया कि अतीक-अशरफ के कस्टडी रिमांड पर आने के बाद देश और प्रदेश से तमाम मीडियाकर्मी प्रयागराज आकर घटना कवर कर रहे थे। तमाम लोगों को वे नहीं जानते थे। इसी तरह से घटना वाले दिन हत्यारे भी वहां खड़े हो गए। वे किसी से बात नहीं कर रहे थे। अतीक से पूछा गया था कि असद को सुपुर्दे खाक किया गया था। इसमें वह क्यों नहीं गए। दो-तीन बार पूछने पर अतीक ने कहा था कि नहीं ले गए तो नहीं गए। इसी के बाद अशरफ ने यह कहा कि मेन बात यह है कि गुड्डू मुस्लिम।इसी के बाद कातिलों ने अतीक के सिर में सटाकर गोली मार दी। इसके बाद वहां अस्पताल परिसर गोलियों से गूंज उठा। मीडियाकर्मी जान बचाकर भागने लगे। दर्जनों राउंड फायर के बाद धार्मिक नारे लगाते हुए तीनों ने सरेंडर कर दिया। आयोग ने मीडियाकर्मियों से अलग-अलग भी हत्या से पहले और बाद के घटनाक्रम को बताने को कहा।
मीडियाकर्मियों ने घटना को लेकर जो भी बयान दिया था, उसका शपथपत्र भी आयोग को दिया गया। आयोग के सदस्यों ने शपथपत्र के सभी पैराग्राफ को पढ़कर कुछ बिंदुओं पर मीडियाकर्मियों से सवाल पूछे।
अतीक और अशरफ हत्या की जांच कर रही एसआईटी ने मीडियाकर्मियों के शपथपत्र के आधार पर बयान दर्ज किया। मीडियाकर्मियों के साथ साथ मेडिकल स्टाफ और सुरक्षा में लगे पुलिस वालों को भी चश्मदीद गवाह बनाया गया है