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तरलता की कमी व ओवरनाइट दरों में वृद्धि से बैंकों को परेशानी, फेम सब्सिडी में कई कंपनियों को मिलेगा नोटिस

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ज्यादातर बैंक अप्रैल से उधारी ले रहे हैं। ज्यादा कर्ज की मांग के साथ ही अग्रिम कर के रूप में सिस्टम से पैसा ज्यादा निकला था।

सिस्टम में तरलता की कमी और ओवरनाइट दरों में इजाफा से बैंकों की परेशानी बढ़ गई है। खासकर छोटे बैंकों की, जिनके पास तरलता बिलकुल नहीं है। बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक से अपील की है कि वह बैंकिंग उद्योग की मदद करे।

पिछले दिनों बैंकों ने मनी मार्केट एसोसिएशन के साथ एक बैठक में इस मुद्दे को उठाया था।

दरअसल, बैंक जरूरत पड़ने पर एक रात के लिए कर्ज लेते हैं। इसे ओवरनाइट कॉल मनी रेट कहते हैं। यह दर पिछले चार सप्ताह से रेपो रेट और अब मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी से भी ऊपर हो गई है, जो 6.75% पर है। रेपो रेट 6.50% है। बैंकों ने पिछले हफ्ते फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट और डेरिवेटिव एसोसिएशन से इस मुद्दे पर चर्चा की है। ज्यादातर बैंक अप्रैल से उधारी ले रहे हैं। ज्यादा कर्ज की मांग के साथ ही अग्रिम कर के रूप में सिस्टम से पैसा ज्यादा निकला था।फेम सब्सिडी में कई और कंपनियों को मिलेगा नोटिस
नई दिल्ली। फेम-2 योजना में स्थानीयकरण नियमों का उल्लंघन कर सब्सिडी लेने वाली कुछ और कंपनियों को सरकार नोटिस जारी करेगी। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, वित्त वर्ष 2019-20 के बाद से इन कंपनियों ने सब्सिडी का दावा किया था। ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद भारी उद्योग मंत्रालय शीघ्र ही योजना के तहत सब्सिडी का वितरण फिर से शुरू करेगा।

क्रेडिट कार्ड से विदेश में भुगतान धन प्रेषण योजना के दायरे में
अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से विदेशी मुद्रा में किया जाने वाला खर्च अब आरबीआई की उदारीकृत धन-प्रेषण योजना (एलआरएस) के दायरे में आ गया है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (चालू खाता लेनदेन) संशोधन नियम, 2023 अधिसूचित करते हुए यह जानकारी दी। एलआरएस के तहत एक व्यक्ति आरबीआई की अनुमति के बिना भी एक वित्त वर्ष में अधिकतम 2.5 लाख डॉलर विदेश भेज सकता है

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