स्कूल जाते समय कार ने बच्चों को रौंद दिया था, जिसमें तीन बच्चों की मौत हो गई। गांव में एक साथ हुई इन बच्चों की मौत के बाद आज सन्नाटा पसरा हुआ था। गांव की गलियां शांत थीं और मां का करुण क्रंदन रुला रहा था।
कक्षा तीन की थी छात्रा
गांव बास महापत निवासी सुरेंद्र पाल सिंह के तीन बेटे जितेंद्र, यतेंद्र और परमहंस हैं। परमहंस की आठ साल की बेटी प्रज्ञा कक्षा तीन की छात्रा थी, जबकि दूसरी बेटी लावाण्या नर्सरी में पढ़ रही है। कार हादसे में बेटी प्रज्ञा की मौत हो गई थी, जबकि लावाण्या का इलाज चल रहा है।
बेटी की मौत से लगा गहरा सदमा
परिजन ने बताया कि बेटी की मौत से मां प्रीति के आंसू नहीं रुक रहे। बृहस्पतिवार रात को दो बार उनकी हालत बिगड़ी थी। इस पर परिजन डाॅक्टर को बुलाकर आए। दवा देने के बाद हालत में सुधार हुआ। वहीं दादी पार्वती देवी का भी बुरा हाल है। घर में आने वाली महिलाओं से प्रीति एक ही बात कह रही हैं कि उनकी लाडो बिटिया को एक बार तो बुला दो।
उदास हैं घर के बच्चे
बेटी प्रज्ञा की मौत से घर के बच्चे उदास हैं। घर में जितेंद्र की बेटी काजल, बेटा प्रिंस, यतेंद्र की बेटी ज्योति, हर्षिता, मानुषि, बेटा हेमंत, परमंस का बेटा यज्ञवर्द्धन प्रज्ञा, दीप्ति और अरविंद को याद कर रहे हैं।