राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत 2023 सत्र से विश्वविद्यालयों में ‘भारतीय विरासत और संस्कृति’ विषय पर 46 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होने जा रहे हैं। क्लास ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास में पढ़ाई तो लिखित और प्रैक्टिकल से मूल्यांकन होगा।
भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनकर युवाओं को भारतीय तर्कशास्त्र, नीतिशास्त्र, योग, आयुर्वेद,संस्कृत, भारतीय खाना व मानवीय मूल्य, वैदिक गणित, भारतीय भाषा व साहित्य, भारतीय कला व विरासत ,ज्योतिषशास्त्र, भारतीय पुरातत्व स्मारक, भारतीय संगीत व शास्त्रीय नृत्य आदि से रूबरू करवाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत 2023 सत्र से विश्वविद्यालयों में ‘भारतीय विरासत और संस्कृति’ विषय पर 46 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होने जा रहे हैं। क्लास ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास में पढ़ाई तो लिखित और प्रैक्टिकल से मूल्यांकन होगा। भारत सरकार की नीति के तहत कोर्स के क्रेडिट भारतीय और विदेशी युवाओं की डिग्री में जुड़ेंगे।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) आगामी शैक्षणिक सत्र 2023- 24 से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ‘भारतीय विरासत और संस्कृति’ के तहत 46 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होने जा रहे हैं। भारतीय युवाओं के साथ-साथ इन कोर्स में विदेशी युवाओं को भी जोड़ा जाएगा। इसका मकसद दुनियाभर के युवाओं को भारत की पारंपरिक पहचान से रूबरू करवाना है। यह कोर्स तीन स्तर पर होंगे, जिसमें प्रारंभिक स्तर, मध्यवर्ती स्तर और उन्नत स्तर होगा। इस कोर्स में भी मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की सुविधा मिलेगी।
नालंदा, तक्षशिला के जमाने से भारत विश्व गुरु
प्राचीन काल से दुनिया भारत की शिक्षा को सलाम करती रही है। इसी कारण भारत को विश्व गुरु कहा जाता था। दुनिया भारत को नालंदा, तक्षशिला,विक्रमशीला, वल्लभी विश्वविद्यालय में दुनियाभर से छात्र पढ़ने आते थे। समय बदला और भारतीय विश्वविद्यालय पिछड़ते गए। अब 2023 में एक बार फिर दुनिया को इन प्राचीन विश्वविद्यालय की पढ़ाई से रूबरू करवाने की तैयारी है। इसीलिए वैदिक गणित, मानवीय मूल्य, भारतीय भाषा, संस्कृति, कला, शास्त्रीय संगीत, नत्य, संस्कत, सबसे प्राचीन भाषा तमिल, भारतीय खाना, नदियां समेत 46 ऐसे विषयों पर कोर्स तैयार किये गए हैं