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नियम विरुद्ध नियुक्तियों की मांगी रिपोर्ट, शासन ने नौ बिंदुओं पर मांगी है सूचना

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कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान अनुभाग के अनुसचिव अशोक कुमार सिंह ने सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज के कुलपति से नियम विरुद्ध नियुक्तियों के संबंध में बिंदुवार सूचना मांगी है।

कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान अनुभाग के अनुसचिव अशोक कुमार सिंह ने सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज के कुलपति से नियम विरुद्ध नियुक्तियों के संबंध में बिंदुवार सूचना मांगी है। कुलपति को जारी पत्र में नौ बिंदुओं पर सूचना जानकारी मांगी गई है। यह पत्र बीते 26 अप्रैल को जारी किया गया था और इसमें तीन दिनों से सूचना उपलब्ध कराने को कहा गया था। इधर, शासन स्तर पर शिकायतों के बाद शुआट्स के 220 शिक्षकों कर्मचारियों का अप्रैल का वेतन नहीं जारी किया गया है।अनुसचिव ने पत्र में पूछा है कि स्ववित्तपोषित पदों को बिना किसी वैध प्रकिया के गवर्नमेंट ग्रांट वाले पदों में समायोजन किया जा सकता है। क्या शुआट्स के गवर्नमेंट ग्रांट इन एड प्राप्त शिक्षक लोक सेवक की परिधि में आएंगे। क्या शुआट्स राज्य अधिनियम के तहत निजी क्षेत्र का विवि है, इसे अल्पसंख्यक संस्थान का अधिकार प्राप्त है।

गवर्नमेंट ग्रांट इन एड में कितने शिक्षक शिक्षणेत्तर पद हैं और इन पदों की वैधानिकता के संबंध में कौन समीक्षा करता है। साथ ही अन्य बिंदुओं पर भी सूचनाएं मांगी गई हैं। विवि द्वारा इस पर अभी तक आख्या प्रस्तुत की गई या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो सका है। फिलहाल बिंदुवार मांगी गई आस्था को लेकर 220 शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन अभी तक जारी नहीं किया जा सका है।

आठ से पंद्रह के बीच आता है वेतन

शुआट्स के मीडिया प्रभारी रमाकांत दुबे ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा 220 शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन आठ से 15 के बीच आता है। बताया कि विवि द्वारा 220 पदों के लिए कृषि विभाग को वेतन बिल एक से पांच तरीख के बीच भेजे जाते हैं। इसके बाद वेतन ट्रेजरी में आता और फिर कर्मचारियों के खाते में चला जाता है। विवि का कार्य वेतन बिल बनाकर भेजना है। वहीं कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चार पांच तारीख के बीच वेतन खाते में में आ जाता था, लेकिन अभी तक सेलरी नहीं आई है।

इसी को लेकर बीते 15 मार्च को भी संयुक्त कृषि निदेशक प्रयागराज मंडल की ओर से वित्त नियंत्रक शुआट्स को लंबित वेतन एवं गैर वेतन अनुदान देयक समय पर प्रस्तुत करने के लिए पत्र जारी किया गया था। इसमें कुलपति, शिक्षक व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने व उनकी फरारी को लेकर वेतन आहरित करने की रिपोर्ट मांगी गई थी। इसमें पूछा गया था कि यदि यह विवि में अनुपस्थित है तो इनका वेतन क्यों रिलीज किया जाए।

Shuats: Report sought on illegal appointments, government has sought information on nine points

उत्तर प्रदेश शासन के अनुदान के दुरुपयोग के संबंध में मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

शुआट्स के सेवानिवृत्त प्रो. सुव्रत कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को शुआट्स द्वारा शासन के अनुदान का दुरुपयोग करने को लेकर पत्र लिखा है। इसमें बताया गया कि वर्ष 2000 में इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट एक डीम्ड यूनिवर्सिटी में परिवर्तित हो गई थी। इसके बाद कुलपति ने केवल डीम्ड यूनिवर्सिटी को अवैध रूप से स्वयंभू अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा दिया। साथ ही ग्रांट इन एड के 200 पदों को भी डीम्ड विवि में स्थानांतरित करा दिया। इसके बाद डॉ. आरबी लाल ने अपने पूरे परिवार, रिश्तेदार व मित्रों को ग्रांट इन एड पदों पर अवैध रूप से बिना विज्ञापन व साक्षात्कार के भर्ती की।

यह खेल वर्ष 2017 तक चलता रहा। वर्ष 2017 में कमिश्नर द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें 69 शिक्षकों की नियुक्ति में गंभीर अनियमितता पाई गई। इस पर कमिश्नर ने शुआट्स के ग्रांड इन एड पदों के वेतन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद विवि हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट के आदेश पर कहा गया था कि केवल जांच के आधार पर वेतन नहीं रोका जा सकता है। पत्र में 24 लोगों के नाम व पद का जिक्र करते हुए बताया गया है कि यह कुलपति द्वारा इनकी नियुक्ति में अनियमितता की गई है।

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