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शाइस्ता को लेकर सनसनीखेज खुलासा, चोरी-छिपे अतीक के जनाजे में शामिल होने आई थी लेडी डॉन, लेकिन…

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माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। शाइस्ता परवीन चोरी छिपे अतीक के जनाजे में शामिल होने आई थी। अतीक की हत्या के अगले दिन शाइस्ता खुल्दाबाद पहुंची थी, वह करीबी जफरउल्लाह के घर पर ठहरी थी। शाइस्ता के साथ पांच लाख का इनामी साबिर भी था।

उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन के बारे में बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शाइस्ता अपने पति अतीक अहमद व देवर अशरफ की हत्या के अगले दिन उनके जनाजे में चोरी छिपे शामिल होना चाहती थी। यहां वह अतीक के वफादार जफरउल्लाह के खुल्दाबाद स्थित घर में ठहरी थी।

उसके साथ उमेश पाल हत्याकांड का ही एक अन्य आरोपी पांच लाख का इनामी साबिर भी था। हालांकि पुलिस को जब तब भनक लगती, दोनों वहां से निकल गए थे। इस बात का खुलासा जफरउल्लाह के बेटे आतिन जफर ने पुलिस से पूछताछ में किया है।
आतिन अतीक के बेटे असद का दोस्त है और उसके साथ ही लखनऊ में रहता था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस के डर से वह खुल्दाबाद स्थित अपने घर भाग आया था। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में आतिन ने बेहद चौंकाने वाला राज खोला है।

उसने बताया है कि 15 अप्रैल को अतीक-अशरफ की हत्या के अगले दिन फरार चल रही शाइस्ता खुल्दाबाद स्थित उसके घर पहुंची थी। उसके साथ उमेश पाल हत्याकांड में शामिल इनामी साबिर भी था।

दोनों हुलिया व वेश बदलकर अतीक व अशरफ के जनाजे में शामिल होने के लिए कसारी -मसारी स्थित कब्रिस्तान भी जाने वाले थे। हालांकि भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी की खबर मिलने पर दोनों ने इरादा बदल दिया। इसके बाद रात भर दोनों वहीं रुके और अगले दिन भोर में ही घर छोड़कर कहीं निकल गए।

चार दिन पहले दोबारा आया था साबिर
सूत्रों का कहना है कि इनामी साबिर चार दिन पहले फिर अतीक के करीबी जफरउल्लाह के खुल्दाबाद स्थित घर आया था। दो मई को वह तब वहां पहुंचा था, जब शाइस्ता ने उसे किसी काम से भेजा था। इसकी भनक लगी तो रात में नौ बजे के करीब धूमनगंज पुलिस ने जफरउल्लाह के घर पर छापा भी मारा। हालांकि अंधेरे व घनी आबादी का फायदा उठाकर साबिर वहां से भाग निकलने में कामयाब रहा और पुलिस हाथ मलती रह गई।
16 दिन में दो बार दे गया चकमा, पुलिस पर भी सवाल
इस खुलासे के बाद पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि जिस शाइस्ता व साबिर की तलाश में पूरे जिले की फोर्स लगी है, उनके शहर में आकर रुकने के बावजूद पुलिस को इसकी भनक कैसे नहीं लगी। सवाल यह भी है कि साबिर के दोबारा आने की भनक लगी भी तो आखिर कैसे वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही चकमा देकर फरार हो गया।

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