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अतीक-अशरफ के हत्यारों को गोगी गैंग से खतरा, सनी ने की थी दगाबाजी, भाग आया था पिस्टल लेकर

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माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले शूटरों को गोगी गैंग से खतरा है। कातिल सनी ने गोगी गैंग से दगाबाजी की थी। वह दिल्ली से पिस्टल लेकर भाग आया था। तीनों शूटर वर्तमान में प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं।

दिल्ली की तिहाड़ जेल में कुख्यात गैंगस्टर सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद अब अतीक अहमद व अशरफ की हत्या करने वाले शूटरों को गोगी गैंग से खतरा है। दरअसल, अतीक-अशरफ की हत्या में जिन दो जिगाना व गिरसान पिस्टलों का इस्तेमाल हुआ, वह गोगी गैंग से ही शूटर सनी को मिली थी।

उसे टिल्लू की हत्या करनी थी लेकिन इससे पहले ही वह पिस्टलें लेकर भाग निकला था। तीनों शूटर वर्तमान में प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं। हमीरपुर निवासी सनी पर कुल 16 मुकदमे दर्ज हैं। सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी की पूछताछ में पिछले दिनों यह बात सामने आई थी कि सनी को हथियार एक हत्या की वारदात करने के लिए दी गई थीं। हत्या दिल्ली के कुख्यात माफिया सुनील उर्फ टिल्लू की होनी थी।
लेकिन इससे पहले ही जीतेंद्र गोगी की हत्या हो गई और सनी पिस्टल लेकर वहां से भाग निकला। चर्चा है कि इसके बाद से ही गोगी गैंग के गुर्गे सनी की तलाश में जुटे हैं। अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद उन्हें यह भी जानकारी हो गई है कि वह कहां है। ऐसे में न सिर्फ उसे बल्कि उसके दोनों साथियों को भी खतरा है।

दिल्ली में ही अरुण से मिला था सनी
जांच पड़ताल में यह बात भी सामने आई थी कि सनी दिल्ली में ही अतीक अशरफ हत्याकांड के दूसरे शूटर अरुण से मिला था। दरअसल पानीपत से लूट के मामले में जेल जाने व जमानत पर छूटने के बाद अरुण ने भी दिल्ली का रुख किया था।

उधर सनी गोगी की हत्या के बाद भाग निकला लेकिन, अरुण के संपर्क में बना रहा। कुछ दिनों तक उसने एक परिचित की मदद से बांदा में भी फरारी काटी और लवलेश के संपर्क में आया। फिर तीनों के साथ मिलकर अतीक व अशरफ की हत्या कर दी।
ताबड़तोड़ 90 से ज्यादा किए गए वार
आपको बता दें कि तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की मंगलवार की सुबह महज डेढ़ मिनट में हमलावरों ने हत्या कर दी। हमले के दौरान टिल्लू दूसरे कैदी के सेल में भागकर बचने की कोशिश की, लेकिन तब तक हमलावरों ने उसपर सुआ से ताबड़तोड़ 90 से अधिक वार कर दिए। इस दौरान रोहित ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उस पर भी सुआ से  हमला कर दिया। रोहित ने भागकर अपनी जान बचाई।

शुरुआती जांच में पता चला है कि हमलावर सुबह करीब 6.10 बजे पहली मंजिल की ग्रिल को काटकर चादर के सहारे नीचे उतरे। वह वॉशरूम के पास टिल्लू के सेल के खुलने का इंतजार करने लगे। जेल अधिकारियों का दावा है कि हमलावर जिस जगह पर मौजूद थे वहां कोई भी सीसीटीवी कैमरा मौजूद नहीं है। जिसका हमलावरों ने फायदा उठाया।
जैसे ही जेल कर्मी ने टिल्लू के सेल को खोलकर उसे बाहर निकाल रहे थे, अचानक हमलावरों ने उस पर सुआ से  हमला कर दिया। जिस इलाके में हमलावर मौजूद थे वह कैदियों के वॉशरूम है और गोपनीयता रखने के लिए उस जगह पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। जेल अधिकारियों ने बताया कि चूक का पता लगाने के लिए घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जेल में कैदियों के बीच संघर्ष के मामले को देखते हुए सुरक्षा के खामियों को दूर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद जेल महानिदेशक ने सघन तलाशी लेने का सख्त आदेश दिया था। उसके बाद से लगातार जेल में तलाशी ली जा रही थी। जेल अधिकारियों ने बताया कि जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि सुरक्षा में चूक के लिए कौन जिम्मेदार है। हालांकि प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद जेल की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।

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