निकाय चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफिया के गढ़ में गर्जना करेंगे। गुंडा-माफिया का मनोबल तोड़ने के लिए जिस धरती से बाबा के बुलडोजर की धमक देश भर में कानून-व्यवस्था को लेकर सुर्खियों में छाई रही है।
निकाय चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफिया के गढ़ में गर्जना करेंगे। गुंडा-माफिया का मनोबल तोड़ने के लिए जिस धरती से बाबा के बुलडोजर की धमक देश भर में कानून-व्यवस्था को लेकर सुर्खियों में छाई रही है, वहां अतीक के घर और दफ्तर के नजदीक सीएम योगी की सभा के मायने निकाले जा रहे हैं। यहां यह उल्लेख जरूरी है कि सनसनीखेज अतीक-अशरफ की हत्याकांड के बाद संगमनगरी में सीएम का यह पहला दौरा हैै, जिसे लेकर अभेद्य सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।
योगी की सभा जहां होगी,वहां से अतीत का पन्ना बन चुके माफिया अतीक अहमद के दफ्तर और घर की दूरी महज डेढ़ से तीन किमी तक ही है। इतना ही नहीं लूकरगंज में माफिया से मुक्त कराई गई भूमि पर जहां गरीबों के लिए आवास योजना बसाने का काम अंतिम दौर में है, वहां से सीएम का सभास्थल सिर्फ डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर स्थित है। माफिया-अपराधी बनाम विकास के मुद्दे पर निकाय चुनाव में डंका बजाने का एलान करने वाली भाजपा में असंतुष्टों की तादाद बढ़ने से लड़ाई कांटे की हो गई है। नंदी की नाराजगी के अलावा भितरघात के खतरे को लेकर पार्टी नेता यहां कैंप कर रहे हैं।
स्वतंत्रदेव ने देर रात तक की तैयारियों की समीक्षा
ऐसे में माफिया के खात्मे का मुद्दा जिस जमीन से उठा, वहां अगर पार्टी की जीत प्रतिष्ठा सवाल बन गई है। इस बीच सीएम की सभा के लिए सूबे के कई बड़े नेता यहां डेरा डाल चुके हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और जिला के प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह देर रात तक तैयारियों की समीक्षा करते रहे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अलावा पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के अलावा काशी प्रांत के पदाधिकारी बी दिन रात एक किए हुए हैं। सीएम की सभा को लेकर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए जा रहे हैं। पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और जिलाधिकारी संजय खत्री ने सभास्थल पर सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। कमांडो दस्ता भी पहुंच गया है।
बारिश और हवा की वजह से रविवार की शाम सीएम योगी के सभास्थल की तैयारियों में बदलाव करना पड़ा। तेज बारिश से लीडर प्रेस मैदान में जगह-जगह पानी भर गया। साथ ही टेंट की चांदनी भी भीगकर लटक गई। कई जगह टेंट उड़ गए। इससे सभास्थल के प्रबंधन से जुड़े लोगों के माथे पर बल पड़ गए। हालांकि आनन-फानन में फिर रात को ही वाटरप्रूफ पंडाल बनाने की कवायद शुरू हो गई। पंडाल में 20 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं।