इरफान खान बॉलीवुड के ऐसे अभिनेता हैं, जो बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में भी काम कर चुके हैं। इरफान खान को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है, लेकिन अभिनेता ने 29 अप्रैल, 2020 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। इरफान खान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित थे और उन्होंने इस बीमारी से एक लंबी लड़ाई लड़ी। आज इरफान खान की तीसरी पुण्यतिथि है। इस मौके पर हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अभिनेता की पत्नी सुतापा ने खुलासा किया कि कैसे अभिनेता मृत्यु और उसके बाद के जीवन के लिए उत्सुक थे और उनके बेटे बाबिल ने खुलासा किया कि इरफान ने अपनी ही मृत्यु की भविष्यवाणी कर दी थी।
हाल ही में दिए एक बेहद भावुक इंटरव्यू में, इरफान खान की पत्नी सुतापा ने बताया कैसे मौत इरफान के लिए नाटक की तारीख बन गई थी और कहा, ‘जिस दिन हम मिले थे, तब से वह मौत के बारे में बहुत उत्सुक थे। वह एक मुस्लिम परिवार से आते हैं, मैं एक हिंदू पृष्ठभूमि से आती हूं, लेकिन मेरे पास कभी जन्म कुंडली नहीं थी। इरफान ने ही मेरी कुंडली बनाई थी। ज्योतिष के लिए उनका उद्देश्य यह जानना नहीं था कि उनके करियर का क्या होगा बल्कि वे यह जानने के लिए उत्सुक थे कि अगले जन्म में क्या होगा। इसे लेकर उन्हें हमेशा से ही उत्सुकता थी। मौत उनकी सहेली की तरह हो गई थी।’
इसके बाद सुतापा ने याद किया कि अस्पताल जाने से पहले, इरफान ने उन्हें आश्वासन दिया था कि सब कुछ ठीक है। वह बोलीं, ‘वह मुझसे कह रहे थे, नहीं ठीक है। बिना किसी गुस्से के। उनके चेहरे से किसी तरह की कोई नाराजगी नहीं झलक रही थी। मुझे इतना स्पष्ट रूप से याद है, बिस्तर के किनारे बैठे-बैठे वह बहुत कमजोर हो गए थे। मैंने उन्हें पैंट पहनाई और उनके बाल भी भाए। वह बैठे, मेरा हाथ पकड़ा और उठ गए। हमने एक दूसरे को गले लगाया। इसमें अंतिमता का क्षण भी नहीं था। उनका कोई भी इनट्यूशन यह नहीं कह रहा था कि वह वापस नहीं आएंगे।’
सुतापा ने आगे कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि उन्होंने सोचा था कि समय आ गया है। वह बाबिल के साथ किताबें पढ़ रहे थे और फिल्मों की प्लानिंग कर रहे थे। वह पेड़ लगाने की प्लानिंग कर रहे थे, जिसे हमें लगाना था। यह सब कुछ अब मैं कर रही हूं। मुझे नहीं पता, मैं कभी-कभी खुद को दोषी महसूस करती हूं कि मैंने उनमें इतना विश्वास पैदा कर दिया था कि कुछ नहीं होगा, मैं संभल लुंगी। वह मुझ पर बहुत विश्वास करते थे।’
इरफान खान के बेटे बाबिल ने भी अपने पिता के साथ अपने आखिरी पलों को याद किया और कहा, ‘मैं उनके निधन से पहले, पिछले दो दिनों से अस्पताल में था। वह होश खो रहे थे। उन्होंने बस मुझे देखा, मुस्कुराया, और कहा, मैं मरने जा रहा हूं। और मैंने कहा, नहीं, आम नहीं हो। वह फिर से मुस्कुराए और सोने चले गए। लेकिन मुझे सच में ऐसा लगता है कि उन्होंने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया था। मुझे लगता है कि उस तरह के विकास को हासिल करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं।’
इरफान खान ने भारतीय सिनेमा को एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया है। अभिनेता ने ‘पीकू’, ‘द लंचबॉक्स’, ‘पान सिंह तोमर’ और ‘मदारी’ जैसी कुछ बेहतरीन फिल्मों में काम किया। उनकी तीसरी पुण्यतिथि से एक दिन पहले, निर्देशक अनूप सिंह ने अभिनेता की लंबे समय से टाली जा रही फिल्म, ‘द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियन्स’ को रिलीज किया। यह फिल्म दिवंगत अभिनेता को श्रद्धांजलि के रूप में रिलीज की गई है।