
न्यूराॅलजिया क्या है
न्यूरालजिया यानी नर्व पेन किसी खास नस में दर्द से संबंधित है। न्यूरालजिया की शिकायत होने पर एक से अधिक नस में दर्द फैलने की समस्या हो सकती है। न्यूराॅल्जिया की समस्या में शरीर की कोई भी नस प्रभावित हो सकती है।

नसों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। रसायनों और ड्रग्स के कारण, मधुमेह, संक्रमण आदि के कारण नसों पर दबाव पड़ता है। नसों में सूजन की समस्या होने पर भूी न्यूराॅलजिया हो सकता है। लैपटाॅप या मोबाइल का अधिक उपयोग करने से भी नसों में खिचांव के कारण दर्द हो सकता है, जो न्यूराॅलजिया की शिकायत को बढ़ाता है।
कोविड काल में वर्क फ्राॅम होम और डेक्स वर्क बढ़ने के बाद लैपटाॅप और मोबाइन का प्रयोग लगभग दस गुना बढ़ गया। इसके अत्यधिक प्रयोग करने से लोगों में गर्दन से लेकर कोहनी और पंजे में दर्द होने लगा। हालांकि जब लोग इस दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास गए और दवाओं के सेवन के बाद भी महीने भर में दर्द कम नहीं होने पर जब एमआरआई और सीटी स्कैन की गई तो पता चला कि मोबाइल और लैपटॉप के घंटों प्रयोग से गर्दन की डिस्क बल्ज के कारण कई नर्व रूटों पर दबाव पड़ा, जिससे न्यूरालजिया की समस्या बढ़ी।

गर्दन से लेकर कोहनी और पंजों में दर्द ।
कंधे में सुन्न महसूस होना।
जलन और संवेदनहीनता महसूस होती है।
मांसपेशियों की कमजोरी, दर्द।
दर्द अचानक उठना और फिर बहुत तेज दर्द होता है।
कोई नुकीली चीज चुभ रही हो या जलन की अनुभूति होती है।
छूने या दबाने से दर्द महसूस होता है।
चलने-फिरने कष्ट महसूस होता है।

- दर्द महसूस होने पर डॉक्टर से चिकित्सीय सलाह लें।
- मोबाइल इस्तेमाल करते समय उसकी पोजीशन आंखों के स्तर पर लाएं।
- नियमित व्यायाम करने से गर्दन और कमर को कम किया जा सकता है।
- लैपटॉप का उपयोग करते समय पोजीशन ऐसी हो कि गर्दन और कमर सीधी रहें।
- मोबाइल- लैपटॉप के इस्तेमाल लगातार न करें। बीच-बीच में उठकर टहलें।
