अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए सीन रिक्रिएशन किया गया। क्राइम सीन दोहराने की यह कार्रवाई करीब 1.15 घंटे तक चली। इसके बाद करीब 3.45 बजे एसआईटी वापस चली गई।
खास बात यह कि इस दौरान नकली शूटर को एक पुलिसकर्मी ही पिस्टल थमाता नजर आया है। फिलहाल सीन रीक्रिएशन के जरिए पता लगाने की कोशिश की गई कि आखिर उस दिन वास्तव में किस तरह हत्याकांड को अंजाम दिया गया। साथ ही मौके पर मौजूद लोगों में किसकी क्या भूमिका रही
सीन रिक्रिएशन की यह कार्रवाई दोपहर में 2.30 बजे के करीब की गई। यह कार्रवाई शुरू होने से कुछ देर पहले ही मामले की विस्तृत जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग घटनास्थल का निरीक्षण कर वापस गया था। सीन रिक्रिएशन में धूमनगंज में तैनात उन नौ पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया, जो वारदात के वक्त अतीक-अशरफ के इर्द गिर्द उनकी सुरक्षा में मौजूद थे।
इसके अलावा मीडियाकर्मियों व शूटरों का रोल पुलिसकर्मियों को दिया गया। इसके अलावा एसओजी के दो जवानों को अतीक-अशरफ बनाया गया। जिनको उन्हीं की तरह कपड़े भी पहनाए गए। डमी अतीक को जहां कुर्ता पायजामा वहीं डमी अशरफ कुर्ता व जींस पहनाया गया। फिर सीन रिक्रिएशन की कार्रवाई शुरू हुई।
सिर पर साफा बांधे आए अतीक-अशरफ
क्राइम सीन दोहराने की यह कार्रवाई करीब 1.15 घंटे तक चली। इसके बाद करीब 3.45 बजे एसआईटी वापस चली गई। इससे पहले एसआईटी के सदस्यों ने वारदात के दौरान हुई एक-एक गतिविधि को विस्तृत तरीके से अपनी डायरी में अंकित किया। एक-एक सीन की फोटोग्राफी और पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी कराई।
सीन रिक्रिएशन के दौरान इस बात का भी पता लगाने की कोशिश की गई कि वारदात के वक्त वास्तव में वहां क्या हुआ। यह भी जांचा गया कि कौन किस जगह पर खड़ा था, साथ ही वारदात के दौरान किसकी क्या प्रतिक्रिया रही।
-वारदात के वक्त मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और शूटरों की पोजीशन क्या थी?
– क्या पुलिसकर्मी इस पोजीशन में थे कि वह शूटरों को रोक सकते थे?
– अतीक-अशरफ को शूटरों ने कितनी दूर से गोली मारी?
– शूटरों ने भागने की बजाय सरेंडर क्यों किया?
– किस पुलिसकर्मी ने किस शूटर को और किस प्वाइंट पर पकड़ा?
– वीडियो फुटेज व क्राइम सीन रिक्रिएशन के दौरान पुलिसकर्मियों की ओर से दिए गए बयान में कहीं अंतर तो नहीं है?
– क्या क्राइम सीन रिक्रिएशन के दौरान सामने आए तथ्य पुलिसकर्मियों के बयान की पुष्टि करते हैं या मेल खाते हैं?
सीन रिक्रिएशन के बाद कुछ तथ्य सामने आए हैं और इसे लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। क्या हैं यह तथ्य और उन्हें लेकर उठ रहे सवाल…
– पहले शूटर ने अतीक व अशरफ को दो पुलिसकर्मियों के बीच से करीब जाकर गोली मारी। सवाल यह है कि पुलिसकर्मियों की नजर उस पर कैसे नहीं पड़ी?
– पहली गोली चलते ही मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर व दरोगा दाहिनी तरफ अपने पीछे की ओर हट गए। ऐसा क्याें किया?
– गोली चलने के बाद अतीक-अशरफ को छोड़कर पुलिसकर्मी दूर हट गए। हत्याराें को पकड़ने या उन पर काबू पाने की बजाय ऐसा क्यों किया गया?
– अतीक अशरफ पर पहली गोली दागने वाले शूटर ने ही बाद में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। इसके बाद बावजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोचने की कोशिश क्यों नहीं की?
– अतीक-अशरफ को जिस पुलिस जीप से लाया गया, उसे सीधे अस्पताल परिसर में भी लाया जा सकता था। फिर ऐसा क्यों नहीं किया गया?