Search
Close this search box.

चीन को लेकर बढ़ती जा रही हैं अमेरिका की चिंताएं, कूटनीतिक क्षेत्र में भी निकला आगे

Share:

US-China military rivalry: विश्लेषकों के मुताबिक रूस के साथ चीन की बढ़ती निकटता के कारण चीन की सैनिक क्षमताओं को लेकर पश्चिमी देशों की चिंता हाल में और गहरा गई है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मार्च में मास्को की यात्रा की थी। उसके बाद इसी हफ्ते चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने मास्को की यात्रा की…

अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की सशस्त्र सेवा समिति ने चीन की बढ़ रही सैनिक और तकनीकी शक्ति की जो तस्वीर पेश की है, उससे अमेरिका के रक्षा हलकों में चिंता बढ़ गई है। हाउस के सामने अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख एडमिरल जॉन अक्विलिनो ने बताया कि चीन पहले ही हाइपरसोनिक हथियारों के क्षेत्र में काफी आगे निकल चुका है। वह जिस ‘गति से उन्नत क्षमताओं’ का प्रदर्शन कर रहा है, वह चिंताजनक है।

कमांड से जुड़े कुछ दूसरे अधिकारियों ने बायो-टेक्नोलॉजी क्षेत्र में चीन की तेज प्रगति का जिक्र किया और कहा कि इस क्षमता का उपयोग चीन जैविक और रासायनिक हथियार बनाने में कर सकता है। अमेरिका ने पिछले एक साल के दौरान सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चीन की प्रगति रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। चीन को ऐसी तकनीक बेचने पर उसने प्रतिबंध लगा दिए हैं। विश्लेषकों के मुताबिक हाउस के सामने जो जानकारियां रखी गईं, उनसे अमेरिका की बढ़ रही आशंकाओं को और बल मिला है। इसके बाद संभव है कि चीन के सैनिक-औद्योगिक ढांचे की आधुनिक तकनीक तक पहुंच सीमित करने के उपाय और सख्त किए जाएं।

विश्लेषकों के मुताबिक रूस के साथ चीन की बढ़ती निकटता के कारण चीन की सैनिक क्षमताओं को लेकर पश्चिमी देशों की चिंता हाल में और गहरा गई है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मार्च में मास्को की यात्रा की थी। उसके बाद इसी हफ्ते चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने मास्को की यात्रा की। चीनी रक्षा मंत्री की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने निकट सैनिक संबंध बनाने का फैसला किया। उन्होंने मिलिट्री थिएटर, मिलिट्री सेवाओं और सैनिक अकादमियों में संयुक्त पहल करने का निर्णय लिया है। समझा जाता है कि इससे दोनों देशों के सैनिक रिश्ते अधिक मजबूत हो जाएंगे।

अमेरिकी मीडिया ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इस बात का हवाला दिया गया है कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने विज्ञान और तकनीक में चीन की प्रगति से अमेरिका के लिए बढ़ रही चुनौतियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि विज्ञान एवं तकनीक की उन्नति से 21वीं सदी में भू-राजनीतिक परिदृश्य बदल जाएगा। उन्होंने कहा था कि ऐसे में चीन को तकनीक निर्यात पर रोक लगाना एक रणनीतिक उपाय के रूप में सामने आया है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कूटनीतिक क्षेत्र में चीन को मिल रही सफलताओं से भी अमेरिका चिंतित है। हाल में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनेसियो लूला दा सिल्वा ने चीन की यात्रा की थी। वहां उन्होंने अमेरिका पर ‘युद्ध भड़काने’ का आरोप लगाया। इससे अमेरिका खासा नाराज हुआ है। लूला की यात्रा के बाद जेक सुलिवन ने लूला के विदेश नीति संबंधी सलाहकार सेल्सो अमोरिम को फोन किया। बाद में व्हाइट हाउस ने एक बयान में बताया कि सुलिवन और अमोरिम के बीच विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें यूक्रेन युद्ध भी शामिल है।

ऐसी खबरें भी हैं कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की चीन यात्रा के प्रस्ताव पर चीन ने चुप्पी साध रखी है। ब्लिंकेन ने मंगलवार को इसे लेकर चीन को कड़ा संदेश भेजा। उन्होंने कहा कि चीन को यह तय करना होगा कि वह अमेरिका के साथ संवाद कायम रखना चाहता है या नहीं।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news