राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को कहा कि अर्थपूर्ण स्वायत्तता के बिना केरल के विश्वविद्यालयों सरकारी विभाग बनकर रह जाएंगे और उनकी डिग्रियों को राज्य के बाहर या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी। विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को लेकर केरल सरकार के साथ टकराव में फंसे खान ने कहा कि वह दक्षिणी राज्य में उच्च शिक्षा के इन संस्थानों की स्वायत्तता को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। सोमवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान नागपुर में ‘भारत की सम्प्रभुता और आज’ विषय पर लोगों को संबोधित कर रहे थे।
बीते साल राज्यपाल ने कहा था कि केरल सरकार को राज्य की यूनिवर्सिटीज में कुलपतियों की नियुक्ति की ताकत नहीं दी जा सकती। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कहा कि केरल सरकार संस्थानों की स्वायत्ता पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रही है और उसे ऐसा करने की इजाजत नहीं दी सकती। जब एक संस्था, दूसरे के अधिकार का अतिक्रमण करने की कोशिश करती हैं तो उससे विवाद होता है।
राज्यपाल ने कहा कि यूनिवर्सिटीज में कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं ताकि संस्थानों को राज्य सरकार के दखल से बचाया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने पहले अपने फैसले में कहा था कि सभी 13 कुलपतियों की नियुक्ति अवैध है। कोर्ट ने ये भी कहा कि राज्य सरकार की कुलपतियों की नियुक्ति में कोई भूमिका नहीं है।