माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और गुर्गे गुलाम के शवों का अंतिम संस्कार शनिवार को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। असद का शव कसारी मसारी कब्रिस्तान में जबकि गुलाम के शव को मेहंदौरी स्थित कब्रिस्तान में दफन किया गया। असद के जनाने में मिट्टी देने के लिए पांच छह लोगों को ही जाने की अनुमति दी गई। माफिया अतीक अहमद बेटे के जनाने में शामिल नहीं हो सका। वहीं शाइस्ता परवीन ने भी सरेंडर नहीं किया, हालांकि पुलिस तैनात रही।
बताया जा रहा है कि असद और गुलाम का शव कुछ देर में प्रयागराज पहुंचेगा।पुलिस अपनी सुरक्षा में शव को प्रयागराज लाएगी। यहां पर अतीक के परिजनों को शव को सुपुर्द किया जाएगा। इसके बाद परिवार के लोग सुपुर्द ए खाक करेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि परिजनों को शव न सौंपकर पुलिस अपनी मौजूदगी में ही दोनों के शवों का अंतिम संस्कार कराएगी। उधर झांसी में रात 12:15 बजे तक पोस्टमार्टम हाउस में ताला जड़ा रहा। मीडिया व अन्य लोग असद व गुलाम के शव निकलने के इंतजार में डटे रहे, पर देर किस बजह से की जारही कोई बताने वाला नहीं है। हालांकि देर रात शव को सुपुर्द कर दिया गया।
जनाजे में शामिल नहीं हो सकेगा परिवार का कोई भी सदस्य
असद के जनाजे में उसके परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हो सकेगा। सगे संंबंधी ही सारी औपचारिकताएं पूरी कराएंगे। अतीक अहमद ने कोर्ट में अर्जी देकर जनाजे में शामिल होने की गुहार लगाई है। इस पर शुक्रवार को फैसला आएगा। उसे अनुमति मिलती है या नहीं इस पर अभी संशय बना हुआ है। अतीक और अशरफ इस समय नैनी जेल में हैं। असद का एक भाई अली नैनी जेल तो दूसरा भाई उमर लखनऊ जेल में है। दो अन्य भाई अबान और ऐजम राजरूपपुर बाल संरक्षण गृह में हैं। मां शाइस्ता परवीन भी मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार है। उसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है। अतीक का बहनोई अखलाक जेल में है जबकि बहन आयशा नूरी और उसकी बेटी फरार चल रही है। चाचा अशरफ की पत्नी जैनब भी फरार चल रही है।

असद के साथ एनकाउंटर में मारे गए गुलाम हसन का शव मेहंदौरी स्थित कब्रिस्तान में दफन किया जाएगा। गुलाम का घर शिवकुटी थाना क्षेत्र के मेहंदौरी रसूलाबाद घाट के पास स्थित है। उसकी मां और भाई ने गुलाम का शव लेने के लिए पुलिस से संपर्क नहीं किया है। गुलाम के भाई और मां का कहना है कि वह शव नहीं लेंगे। वह अपराधी था उसने परिवार पर कलंक लगा दिया है। ऐसी दशा में वह उसके शव को नहीं लेंगे। बताया जा रहा है कि गुलाम के ससुराल के लोग शव लेने के लिए झांसी गए हुए हैं।

अतीक अहमद अपन बेटे के जनाने में शामिल नहीं हो सकेगा। अतीक को इस समय धूमनगंज थाने में रिमांड पर रखा गया है जो अतीक के घर से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर है। कल रात में ही पुलिस ने नैनी जेल से निकालकर अतीक को अपने कब्जे में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। कोर्ट ने अतीक और अशरफ को चार दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपने का आदेश दिया है। आदेश के अनुपालन में नैनी जेल ने अतीक और अशरफ को पुलिस को सुपुर्द कर दिया है। एसटीएफ की स्पेशल टीम अतीक से पूछताछ कर रही है। जेल के बाहर रहकर भी अतीक बेटे की मिट्टी में शामिल नहीं हो पाएगा।

झांसी में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में माफिया अतीक अहमद के पांच लाख के इनामी बेटे असद के मारे जाने के बाद उसके मुहल्ले चकिया के लोगों में शुक्रवार को गम और गुस्सा दोनों नजर आया। महिलाएं जहां बुर्के में मातमपुर्सी के लिए बैठी रहीं, वहीं पुरुषों ने एसटीएफ की कार्रवाई पर आक्रोश जाहिर किया।चकिया स्थित अतीक के पुश्तैनी मकान पर पहुंचे शम्सुलरहमान का कहना था कि असद के गुनाहों का फैसला कोर्ट के ऊपर छोड़ना चाहिए था। एसटीएफ ने जो किया वह न्याय नहीं है। असद कोई पेशेवर अपराधी नहीं था कि उसे इस तरह मुठभेड़ में मारा गया।

उनका कहना था कि अभी असद बहुत ही कम उम्र का था। किसी को गोली मारने में पहली बार उसका नाम आया था। उसे सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए था। असद को पकड़कर पूछताछ की जानी चाहिए थी और उसे जेल भेजकर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए था। सुल्तान हैदर ने भी एसटीएफ की कार्रवाई को अनुचित बताया। उनका कहना था कि इसी तरह होता रहा तो लोगों का कानून-व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा।
