…इस दौड़-धूप में क्या रखा, आराम करो, आराम करो। आराम जिन्दगी की कुंजी, इससे न तपेदिक होती है। आराम सुधा की एक बूंद, तन का दुबलापन खोती है। आराम शब्द में ‘राम’ छिपा जो भव-बंधन को खोलता है। आराम शब्द का ज्ञाता तो विरला ही योगी होता है।..
– गोपालप्रसाद व्यास
सोते रहो…
‘जागते रहो’ से ठीक उलट यह कविता व्यंग्य से भरी हो सकती है, लेकिन गलत नहीं है। मैं एक रोचक वाकया शेयर करता हूं।
बात अक्सर ‘आराम हराम है’ कहने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से सम्बंधित है और खुद उनकी पड़पोती प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा नवम्बर 14, 2019 को ‘ट्वीट’ की गई थी। ट्वीट के अनुसार, ‘बात दरअसल तब की है जब नेहरू प्रधानमंत्री थे। एक बार वह रात में तीन बजे अपने घर पहुंचे तो देखा कि उनका थकाहारा अंगरक्षक उनके बिस्तर पर सो रहा है। उन्होंने उसे कंबल ओढ़ाया और बगल में पड़ी कुर्सी पर ही सो गए।’ और नेहरू से सम्बंधित यह एकमात्र वाकया नहीं है, जब उन्होंने कुछ लोगो को सोते हुए पाया और उन्हें डिस्टर्ब नहीं किया।
कहने का अर्थ है कि नींद आवश्यक है, और उसका सम्मान किया जाना चाहिए। आज विश्व निद्रा दिवस है और हम आप से साझा करेंगे सुलभ सुखद नींद के टिप्स।
विश्व निद्रा दिवस पर सबके लिए सुकून भरी नींद की कामना के साथ करिअर फंडा में स्वागत!
विश्व नींद दिवस (World Sleep Day)
विश्व नींद दिवस हर साल मार्च विषुव (March Equinox) से पहले शुक्रवार को मनाया जाता है। इसे 2008 से ‘वर्ल्ड स्लीप सोसायटी’ द्वारा मनाया शुरू किया गया था तथा इस वर्ष इसकी थीम ‘स्लीप इस एसेंशियल फॉर गुड हेल्थ’ अर्थात ‘अच्छे स्वास्थ्य के लिए नींद आवश्यक है’ रखी गई है।
खुद याद कर के देखें – पढाई में, और ऑफिस में, आपका काम कितना खराब रहता था जब नींद पूरी नहीं होती थी?
बढ़िया नींद, और बढ़िया जीवन – 6 सॉलिड टिप्स
पेश है एक अच्छी नींद के लिए एक्सपर्ट द्वारा दिए गए सुझाव –
1) नींद को बुरा न मानें (Respect sleep)
आजकल, मॉडर्न लाइफ और हसल कल्चर के चलते, कई लोग कम नींद और अधिक मेहनत को सम्मान-योग्य समझते हैं। मेहनत करना तो ठीक है, और कभी-कभार कम सोना भी ठीक है, लेकिन ये लाइफस्टाइल नहीं हो सकता। कारण सिंपल है – शरीर पर पड़ने वाले एडवर्स इफेक्ट। तो सोना एन्जॉय करें, ठीक से सोएं, नो गिल्ट के साथ सोएं!
2) स्लीप शेड्यूल को नियमित बनाए रखना (Maintain sleep schedule)
अपनी नींद को बेहतर बनाने के लिए नींद का नियमित शेड्यूल आवश्यक है। इसका अर्थ है रोज एक ही समय पर सोने जाना और उठना, वीकेंड्स पर भी। ‘द सेवन डे स्लीप प्रेस्क्रिप्शन’ नामक पुस्तक के लेखक तथा प्रसिद्ध स्लीप साइंटिस्ट डॉ एरिक पार्थर के अनुसार ‘नियमित नींद लेने के लिए हमें अपनी इंटरनल क्लॉक को सेट करना चाहिए।’
हमारे शरीर में एक प्राकृतिक सोने-जागने का चक्र है, जो सर्केडियन रिदम द्वारा नियंत्रित होता है। कुछ लोगो के सर्केडियन रिदम आगे-पीछे हो जाते हैं यही कारण हैं की हम में से कुछ को रात में नींद नहीं आती और दिन उनींदे होते हैं।
यदि आप के साथ यह समस्या है तो अपने सर्केडियन रिदम या इंटरनल क्लॉक को सेट करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ले।
3) आरामदायक नींद का माहौल बनाएं (Make the environment for good sleep)
जिस एटमॉस्फियर में हम सोते हैं उसका हमारी नींद की क्वालिटी पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। आरामदायक नींद का वातावरण बनाने के लिए, सुनिश्चित करें कि आपका बेडरूम ठंडा, अंधेरा और शांत हो। आपको एक आरामदायक गद्दे और तकिए में भी निवेश करना चाहिए, क्योंकि ये पीठ दर्द और गर्दन के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो नींद में बाधा डालते हैं।
मनुष्य कंप्यूटर नहीं है, कि बस शटडाउन हो जाए। अलग-अलग व्यक्ति नींद आने के लिए अलग-अलग तरीके से रिलैक्स होते हैं, कुछ के लिए अखबार देखना, कुछ के लिए किताब के कुछ पेज पढ़ना, कुछ के लिए दिन-भर की गतिविधियों के बारे में बात करना आदि कारगर होता है।
4) सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से बचें (Avoid electronic devices prior to sleeping)
हम में से कई लोगों को सोने से पहले स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने की आदत होती है। हालांकि, इन उपकरणों द्वारा उत्सर्जित नीली रोशनी हमारे शरीर के मेलाटोनिन के उत्पादन में हस्तक्षेप कर सकती है, एक हार्मोन जो नींद को नियंत्रित करता है।
5) कैफीन और शराब से बचें (No liquor, no caffeine)
कैफीन और शराब दोनों उत्तेजक हैं जो नींद में बाधा डाल सकते हैं। जबकि कैफीन आपको जगाए रख सकता है, शराब सामान्य नींद के चक्र को बाधित कर सकती है और आपको रात में बार-बार जगाने का कारण बन सकती है।
6) सोने से पहले उचित मात्रा में भोजन करें (Eat right before sleeping)
सोने से पहले भारी भोजन करने से नींद आने में मुश्किल हो सकती है, क्योंकि शरीर आराम करने के बजाय भोजन को पचाने में व्यस्त रहता है। भूखे पेट या कम खाकर भी नींद नहीं आती, इसलिए अच्छी नींद के लिए उचित मात्रा में भोजन ग्रहण करें।
इनके अलावा कुछ बातें जो आम हैं लेकिन नींद के लिए हानिकारक, जैसे सोने से पहले चाय पीना, बिस्तर पर लेटकर देर रात तक टीवी देखना, बिस्तर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने से भी नींद में बाधा आ सकती है।
नियमित रूप से व्यायाम, योग, ध्यान, गहरी सांस लेने जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास और दिन के दौरान झपकी लेने से बचना रात में अच्छी नींद के कुछ और रहस्य हैं।
सारांश
हर व्यक्ति की नींद की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में अधिक नींद की आवश्यकता हो सकती है, और कुछ लोगों को चिकित्सीय स्थितियाँ हो सकती हैं जो नींद में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। इसलिए नींद के घंटों की दूसरों के साथ तुलना ना करें। लेकिन याद रहे – नींद नहीं, तो सही जीवन नहीं।
आज का करिअर फंडा है कि विश्व नींद दिवस पर हम ये प्रण लें कि सही स्लीपिंग हैबिट्स से अपने जीवन की क्वालिटी को बेहतर बनाएंगे, और हेल्दी लाइफ जीने की शुरुआत करेंगे।