काशी में गुरुवार को शंघाई कारपोरेशन आर्गनाईजेशन सम्मेलन के तहत फ्यूजन म्यूजिकल फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इस दौरान सूफी गायिका ममता जोशी और उनकी टीम ने राजघाट पर सजे मुक्ता काशी के मंच से पंजाबी लोक गीत और सूफी गीत की शानदार प्रस्तुति दी।
उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत कबीर के दोहे से की। ममता ने जैसे ही ” मेरा पिया घर आया” गाया, श्रोता झूम उठे। वहीं दूसरे गीत “छाप तिलक सब छिनी रे मोसे नैना मिलायी के, से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस दौरान उनकी टीम ने संगीत पर उनका भरपूर साथ दिया।
उन्होंने काशी की धरती पर भजन गाते हुए “मीरा जहर का प्याला पी गयी रे” गीत पर सभी श्रोताओं को खूब झूमाया। वहीं भोले बाबा के मधुर गीत पर ” भोले बाबा नाचे” गाकर दर्शकों की तालियां बटोरीं। उन्होंने कहा कि उन्हें उस जमीन पर गाने का मौका मिला है, जहां लोग माथा रखने की इच्छा रखते हैं।
वहीं कार्यक्रम की द्वितीय प्रस्तुति स्वराथमा ग्रुप ने “जल से जलवायु तक” की थीम पर दी। उन्होंने अपने पहली परफॉमेंस में नदियों से प्रार्थना की। इसके बाद प्यासी हूं मैं, तुमको पिलाकर, गीत गाकर लोगों को संदेश दिया। बंगलूरू से आए स्वराथमा ग्रुप ने “आसमान की दुकान वाले, खोल अपने दिल के ताले” सुनाकर लोगों काे सोचने पर विवश कर दिया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में उन्होंने ” दूब किनारा” की प्रस्तुति दी। SCO के सभी सदस्यों ने गंगा आरती देखी। वहीं वाराणसी के विभिन्न ऐतिहासिक स्थानों का भ्रमण किया। उसके बारे में जाना। संगीत महोत्सव के दूसरे दिन काशीवासी झूम उठे।