राजधानी रांची में सड़क हादसों से होने वाली मौत एक बड़ा संकेत है कि इन इलाकों में किसी तरह की समस्या है जिसकी वजह से लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। तमाम संकेत और दुर्घटना से होने वाली मौत के बावजूद भी इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि रांची शहर में ऐसे कौन से इलाके हैं जहां सबसे ज्यादा दुर्घटना होती है। ऐसे इलाकों से सावधान रहने और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
रांची में सबसे ज्यादा खतरा किस रोड में
रांची में कई सड़क हादसे खेल गांव के पास हुए हैं। ब्लैक स्पॉट के तौर पर इस इलाके की पहचान है। कई महीनों से यहां पर लगा ट्रैफिक सिग्नल खराब पड़ा है। बढ़ते हादसों के बाद भी जो सतर्कता होनी चाहिए वो नहीं दिखती। कई बार ट्रैफिक पुलिस अधिकारी भी इस चौराहे से गायब होते हैं और रांची में ट्रैफिक लाइट के भरोसे यातायात छोड़ देना आज भी संभव नहीं है।
आंकड़ों में समझें हादसे
इसी तरह का खतरा टाटीसिलवे थाना क्षेत्र की सीमा मुरली पुल से खेलगांव चौराहा और यहां से ओरमांझी ब्लॉक चौक तक सड़क दुर्घटना के कई मामले सामने आये हैं। इन रास्तों पर कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी। आंकड़ों पर गौर करें, तो जनवरी 2022 से 15 मार्च 2023 तक करीब 53 सड़क दुर्घटनाएं यहां हुई हैं, जिनमें 43 लोगों की मौत हो चुकी है। 10 लोग घायल हुए हैं, इनमें से कई लोग अभी पूरी तरह स्वस्थ भी नहीं हुए हैं। ओरमांझी ब्लॉक चौक से खेलगांव चौराहे तक के आंकड़े पर गौर करेंगे तो पायेंगे इसी दौरान 30 सड़क हादसों में 28 लोगों की मौत हुई हैं। दो लोग घायल हुए हैं। आंकड़े में और आगे बढ़ेंगे तो खेलगांव से मुरली पुल तक जनवरी 2022 से 15 मार्च 2023 तक 23 सड़क दुर्घटना में 15 की मौत हो चुकी है।
क्या है हादसे की वजह
इन हादसों के पीछे कई वजह है एक बड़ी वजह तो तेज रफ्तार और दूसरी बड़ी वजह लापरवाही। ओरमांझी-रांची रोड में विकास (जहां से रिंग रोड शुरू होता है) से खेलगांव चौराहा तक और टाटीसिल्वे से खेलगांव थाना तक कहीं पर भी सड़कों के बीच डिवाइडर नहीं है। बढ़ते रफ्तार की एक बजड़ी वजह ये भी है इन रास्तों पर ना सिर्फ मोटरसाइकिल बल्कि ट्रक, हाइवा सहित छोटी बड़ी सभी गाड़ियां रफ्तार पकड़ लेती है।
इस हादसों की दूसरी सबसे बड़ी वजह है हाइवे में कहीं भी पेट्रोलिंग की व्यवस्था नहीं है। हादसे के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती है। रास्तों के बीच में बूटी मोड़ व खेलगांव चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है. ताकि वाहनों का परिचालन सुगम हो सके जबकि ट्रैफिक पुलिसकर्मी सिर्फ वीआइपी मूवमेंट के समय ड्यूटी पर मुस्तैद रहते हैं और इन हादसों को पहले रोकने वाला कोई नहीं होता।