झारखंड में डिप्रेशन में रहने वालों की संख्या बढ़ रही है। क्या आप जानते हैं कि आपके राज्य में किस जिले में सबसे ज्यादा लोग डिप्रेशन में हैं। वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स ने झारखंड के कई इलाकों में सर्वे कराया है। इस सर्वे जो आंकड़े सामने आये हैं चौंकाने वाले हैं। सर्व ने झारखंड के 8 जिलों में कराया गया है।
कहां कहां हुआ सर्वे
रांची, पूर्वी-पश्चिमी सिंहभूम, रामगढ़, सरायकेला, दुमका, सिमडेगा व खूंटी में सर्वे किाय गया। डिप्रेशन की वजहों के आंकलन में पता चला कि इसमें बहुत सारे लोगों पर उनके परिवारों पर कोरोना का प्रभव है। कोरोना संक्रमण के बाद परिवार की परिस्थिति ऐसी बनी की ज्यादातर लोग डिप्रेशन का शिकार हो गये।
डेढ़ लाख लोगों तक पहुंची थी सर्वे की टीम
सर्वे के लिए डब्ल्यूएचपी टीम डेढ़ लाख लोगों तक पहुंची उनसे कई तरह के सवाल किए गये जो उनकी मानसिक स्थिति को समझने में मदद करते हैं । सर्वे के जो आंकड़े आये हैं वो बताते हैं कि दस में से एक महिला और 14 में से एक पुरुष मानसिक समस्याओं से लड़ रहे हैं, यानि वह डिप्रेशन में हैं। गृहणियों में यह समस्या सबसे ज्यादा नजर आयी है। यह सर्वे ग्रामीण और शहरी दोनों इलाके में किए गये थे। शहरी औऱ ग्रामीण इलाकों में रहने वालों की मानसिक स्थिति का आंकलन करें तो 11 व्यक्तियों में एक और ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र में 14 में से एक व्यक्ति डिप्रेशन में हैं।
डिप्रेशन की वजह क्या है
इस सर्वे में अहम भूमिका निभाने वाली वर्ल्ड पार्टनर्स की कंट्री हेड प्राची शुल्का बताती है कि कोरोना संक्रमण के बाद जीवन पर असर पड़ा है। लोगों ने इस दौरान कई तरह की समस्या का सामना किया है और कई लोग अभी भी कर रहे हैं। इस दौरान किसी ने अपनो को खोया, नौकरी चली गयी, रोजगार बैठ गया, आर्थिक स्थिति खराब हो गयी। इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ा है।
अब भी मानसिक स्थिति मजबूत नहीं
वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स ने राज्य के 8 जिलों में आयोजित कार्यशाला के दौरान यही पाया कि राज्य में कोरोना से प्रभावित परिवार की मानसिक स्थिति अब भी मजबूत नहीं है। एक ही परिवार में कई लोग अलग- अलग वजहों से अवसाद में हैं। कोरोना संक्रमण के कम होने के बाद अब धीरे- धीरे कई लोग इस समस्या से ठीक भी हो रहे हैं।