शहर में एक विशेष वर्ग की दुकानें शुक्रवार सुबह से ही बंद थीं, वह भी बिना किसी आधिकारिक निर्देश के। दरअसल पिछले एक हफ्ते से सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा के बयान को लेकर बाजार बंदी की बात चल रही थी। तमाम व्हाट्सएप ग्रुुप्स पर शुक्रवार को दुकानें बंद करने की लोग बात कह रहे थे। हालांकि किसी संगठन या दल ने बंद का आह्वान नहीं किया था, लेकिन शुक्रवार की सुबह से ही चौक समेत पूरे शहर में विशेष वर्ग ने अपनी दुकानें बंद कर रखी थीं।
पैगंबर को लेकर भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद से ही एक विशेष वर्ग में सुगबुगाहट थी। कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा था, लेकिन सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिये लोग अपनी भावनाओं का इजहार कर रहे थे। पिछले एक हफ्ते से लोग एक दूसरे को शुक्रवार यानी 10 जून को बंदी की बात कह रहे थे। सोशल मीडिया पर लोगों का यह भी कहना था कि बंदी और कोई करे या न करे, वे लोग अपनी दुकानें बंद रखेंगे।
सोशल मीडिया पर बंद करने का जारी किया गया था फरमान
बृहस्पतिवार की शाम तक सोशल मीडिया में लगभग यह तय हो चुका था कि एक विशेष वर्ग शुक्रवार को दुकानें बंद रखेगा। चौक, घंटाघर, शाहगंज, खुल्दाबाद, अटाला, नूरुल्लाह रोड, बख्शी बाजार, करेली, अतरसुइया, मुट्ठीगंज, कीडगंज यहां तक कि सिविल लाइंस में एक विशेष वर्ग की दुकानें पूरी तरह से बंद थीं। दिन में लोग जब खरीदारी करने पहुंचे तो तमाम बाजारों में दुकानें में ताले लगे हुए थे।
कई लोगों ने दुकानदारों को फोन भी किया तो उन्होंने बताया कि नमाज के बाद दुकानों को खोला जाएगा। अटाला में भी सुबह से एक भी दुकान नहीं खुली थी। दुकानदारों का कहना था कि नूपुर शर्मा के बयान और सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने के विरोध में उन्होंने दुकानें बंद रखीं थीं।
बवाल के बाद शहर में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। टीवी चैनलों पर समाचार चलने के बाद देश भर से लोगों के फोन आने लगे। खाड़ी देशों यहां तक कि अमेरिका और कनाडा से भी लोगों के पास फोन आए। सभी अपनों का हाल चाल जानने के लिए फोन कर रहे थे। सोशल मीडिया पर भी तमाम तरह की अफवाहें फैली रहीं। देर शाम तक मिश्रित इलाकों में भारी संख्या में फोर्स तैनात थी। लोगों ने बवाल की फोटो भी एक दूसरे से शेयर की।